What is superposition theorem in hindi का विस्तारपूर्वक जानकारी
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Superposition theorem meaning in hindi
Superposition theorem = अध्यारोपण प्रमेय
What is superposition theorem in hindi
सुपरपोजिशन प्रमेय ( Superposition theorem) एक विद्युत परिपथ प्रमेय ( theorem) है जो कहता है कि एक रैखिक परिपथ या द्विपक्षीय नेटवर्क (bilateral network) में किसी भी दो या दो से अधिक स्वतंत्र वोल्टेज ( voltage) या विद्युत धारा ( electric current) स्रोतों के कारण होने वाले कुल वोल्टेज या धारा का मान, प्रत्येक स्रोत के कारण होने वाले वोल्टेज या धारा के मानों के योग के बराबर होता है, यदि अन्य सभी स्रोतों को शून्य कर दिया जाए।
मान लीजिए हमारे पास दो वोल्टेज स्रोत E1= 10 V और E2 = 5 V एवं एक लोड R = 10 Ω है।
सुपरपोजिशन प्रमेय ( Superposition theorem) का उपयोग करने के लिए, हम पहले E2 को शून्य कर देते हैं और फिर E1 के कारण होने वाले वोल्टेज को मापते हैं। इसी तरह अब हम E1 को शून्य कर देते हैं और फिर E2 के कारण होने वाले वोल्टेज को मापते हैं। अंत में कुल वोल्टेज निकालने के लिए E1 और E2 के वोल्टेज को जोड़ते हैं।
Step1:- E1 के कारण होने वाला वोल्टेज
E2 को शून्य करने से परिपथ निम्नलिखित हो जाता है:
E1 = 10 V & R1 = 10 Ω
अब चूंकि, Voltage (V1)= IR1 = 10 V
इस परिपथ में, E1 के कारण होने वाला वोल्टेज IR1 है, जो कि 10 V है।
Step2:- E2 के कारण होने वाला वोल्टेज
E1 को शून्य करने से परिपथ निम्नलिखित हो जाता है:
E2 = 5 V & R2 = 10 Ω
अब चूंकि, Voltage (V2)= IR2 = 5 V
Step3:- कुल वोल्टेज
कुल वोल्टेज, E1 के कारण होने वाले वोल्टेज और E2 के कारण होने वाले वोल्टेज के योग के बराबर होता है।
Total Voltage ( V) = V1 + V2
V = IR1 + IR2
V = 10 V + 5 V
V = 15 V
इसलिए, परिपथ में कुल वोल्टेज 15 V है।
सुपरपोजिशन प्रमेय कैसे अप्लाई करें?
- प्रत्येक स्रोत को अलग-अलग मान दें।
- प्रत्येक स्रोत के कारण होने वाले वोल्टेज या धारा का मान निकालें।
- सभी स्रोतों के कारण होने वाले वोल्टेज या धारा के मानों को जोड़कर कुल वोल्टेज या धारा का मान प्राप्त करें।
ऊपर दिए गए उदाहरण में, हम निम्नलिखित चरणों का पालन करके परिपथ का विश्लेषण कर सकते हैं:
- E1 को 10 V मान दें और E2 को 0 V मान दें।
- परिपथ का विश्लेषण करें और IR1 = 10 V प्राप्त करें।
- E2 को 5 V मान दें और E1 को 0 V मान दें।
- परिपथ का विश्लेषण करें और IR2 = 5 V प्राप्त करें।
- IR1 + IR2 = 15 V प्राप्त करें।
इसलिए, परिपथ में कुल वोल्टेज 15 V है।
सुपरपोजिशन प्रमेय का उपयोग क्यूं किया जाता है ?
सुपरपोजिशन प्रमेय का उपयोग एक रेखीय नेटवर्क में किसी भी बिंदु पर वोल्टेज या धारा को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, जब नेटवर्क में कई स्रोत (source) होते हैं।
सुपरपोजिशन प्रमेय का उपयोग कर हम जटिल नेटवर्क ( complex network) के कोई भी शाखा ( branch) मे बहने वाली विद्युत धारा ( current) को आसानी से निकाल सकते हैं।
सुपरपोजिशन प्रमेय का उपयोग कर हम जटिल नेटवर्क ( complex network) के कोई भी प्रतिरोध (resistor ) मे होने वाली वोल्टेज ड्रॉप या वोल्टेज को आसानी से निकाला जा सकता है।
यह एक जटिल नेटवर्क ( complex network) में वोल्टेज या धारा को निर्धारित करने के लिए एक आसान तरीका प्रदान करता है।
limitation of superposition theorem in hindi
- परिपथ रैखिक होना चाहिए।
- यह शक्ति के लिए लागू नहीं होता है।
- यह केवल वोल्टेज और धारा के लिए लागू होता है।
- स्रोतों को आदर्श होना चाहिए।
- सुपरपोजिशन प्रमेय उपयोग करने के लिए परिपथ में दो या दो से अधिक स्रोत (source) होनी चाहिए
- स्रोतों के बीच कोई प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए।
सुपरपोजिशन प्रमेय का उपयोग कर नीचे दिए गए जटिल नेटवर्क ( complex network) में 30 ओम प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ( current) को निकाले ?
यहां, V1 = 10 V , V2= 100 V , R1= 20Ω , R2=10Ω , R3=30Ω
Find out:-
30 ओम प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा = ?
Solution:-
हमेशा याद रखे जितने स्रोत (source) होते हैं उनसे एक अधिक चरण ( step) से हल हो जाती है। जैसा की उपर में केवल 2 स्रोत (source) दिए गए हैं तो इसे हल करने के लिए केवल 3 चरण ( step) की आवश्यकता होगी।
Step1 :-
पहली वोल्टेज स्रोत V2=V3=100V के कारण होने वाला विद्युत धारा
सबसे पहले एक स्रोत (source) V1=10V को शॉर्ट कर देंगे केवल V2=100V रखेंगे। V2=V3=100V रखने पर परिपथ (circuit) मे प्रवाहित कुल विद्युत धारा ( current , I) को सबसे पहले निकालेंगे।
चूंकि ओम का नियमानुसार V=IR , इसलिए I = V/R , इसका उपयोग कर परिपथ की कुल विद्युत धारा को निकलेंगे
चूंकि V=100V दिया हुआ है इसलिए केवल पूरी परिपथ की प्रतिरोध R को निकालना है।
इसलिए तीनो प्रतिरोध का तुल्यांक (Equivalent) कुल प्रतिरोध R = 10 +( 20×30/20+30) = 10+(600/50) = 10+12 = 22 Ω
इसलिए परिपथ की कुल विद्युत धारा ( I) = V/R = 100/22 = 4.54 A
अब V2=V3=100V रखने पर 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा को निकालेंगे
माना 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ है और 20 Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I2’ है। हमे 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ निकलना है इसलिए हम विद्युत धारा ‘I1’निकालने के लिए current division rule का उपयोग करेंगे ।
current division rule द्वारा विद्युत धारा ‘I1’= कुल विद्युत धारा × ( विपरीत ब्रांच की प्रतिरोध / विपरीत ब्रांच की प्रतिरोध + 30Ω )
30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ = 4.54 × 20/(20+30) = 1.816 A
Step2:-
दूसरी वोल्टेज स्रोत V1=V4=10V के कारण होने वाला विद्युत धारा
Step 1 के समान ही दोहराना ( repeat ) है।
अब हम दूसरी स्रोत (source) V2=100V को शॉर्ट कर देंगे केवल V1=V4=10V रखेंगे। V1=V4=10V रखने पर परिपथ (circuit) मे प्रवाहित कुल विद्युत धारा ( current , I) को सबसे पहले निकालेंगे।
चूंकि ओम का नियमानुसार V=IR , इसलिए I = V/R , इसका उपयोग कर परिपथ की कुल विद्युत धारा को निकलेंगे
चूंकि V1=V4=10V दिया हुआ है इसलिए केवल पूरी परिपथ की प्रतिरोध R को निकालना है।
इसलिए तीनो प्रतिरोध का तुल्यांक (Equivalent) कुल प्रतिरोध R = 20 +( 10×30/10+30) = 20+(300/40) = 20+7.5 = 27.5 Ω
इसलिए परिपथ की कुल विद्युत धारा ( I) = V/R = 10/27.5 = 0.36 A
अब V1=V4=10V रखने पर 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा को निकालेंगे
माना 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ है और 10 Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I2’ है। हमे 30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ निकलना है इसलिए हम विद्युत धारा ‘I1’निकालने के लिए current division rule का उपयोग करेंगे ।
current division rule द्वारा विद्युत धारा ‘I1’= कुल विद्युत धारा × ( विपरीत ब्रांच की प्रतिरोध / विपरीत ब्रांच की प्रतिरोध + 30Ω )
30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा ‘I1’ = 0.36 × 10/(10+30) =0.09 A
Step3:- Result
V1 वोल्टेज स्रोत और V2 वोल्टेज स्रोत के कारण R3=30Ω प्रतिरोध से प्रवाहित विद्युत धारा = 1.816 + 0.09 = 1.9 A जैसा की नीचे डायग्राम में दीया गया है।