What is electromagnetic induction in hindi , faraday’s first law in hindi and Faraday’s second law , विद्युत चुंबकीय प्रेरण क्या है आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन इस आर्टिकल मे किया गया है।
Table of Contents
Electromagnetic induction का meaning क्या है ?
Electromagnetic induction = विद्युत चुंबकीय प्रेरण
What is electromagnetic induction in hindi
electromagnetic induction एक विद्युत चुंबकीय घटना है जिसमे बदलती चुंबकीय क्षेत्र ( changing magnetic field) द्वारा किसी coil या चालक तार में EMF उत्पन्न होती है।
Electromagnetic induction Michael Faraday द्वारा खोजी गई एक विद्युत चुम्बकीय घटना है एवं उनके द्वारा बनाई गई Electromagnetic induction नियम यह बताता है कि बदलती चुंबकीय क्षेत्र में यदि कोई बंद चालक या coil को रखा जाता है तब बंद चालक या coil मे electromotive force (EMF) उत्पन्न होगी जिसके परिणामस्वरूप बंद चालक मे विद्युत धारा ( electric current) भी प्रवाहित होने लगेगी।
आइए विस्तार से समझे –
जब एक बंद परिपथ coil मे विद्युत धारा (source current) को धीरे धीरे बढ़ाया जाता है तब coil मे बनने वाले magnetic field भी बढ़ेगी जिसे हम बदलती चुंबकीय क्षेत्र ( changing magnetic field) कहते हैं। इस बदलती चुंबकीय क्षेत्र ( changing magnetic field) के कारण coil मे EMF उत्पन्न होती है। जिसके परिणामस्वरूप बंद परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होगी जिसकी दिशा source current के विपरीत होगी।
Michael Faraday द्वारा 1831 मे Electromagnetic induction के दो नियम की खोज की गई है जिसे Faraday’s first law और Faraday’s second law कहा जाता है। यह एक fundamental law है जिसके आधार पर इलेक्ट्रिक जनरेटर , ट्रांसफार्मर आदि कार्य करती है ।
Electromagnetic induction का Faraday’s law यह भी बताता है की बदलती चुंबकीय क्षेत्र में यदि कोई बंद चालक को रखा जाता है तब उसमे उत्पन्न electromotive force (EMF) की परिमाण बंद चालक मे बदलती चुंबकीय क्षेत्र की दर और coil तार की लपेटो की संख्या के गुणनफल के बराबर होती है।
Electromagnetic induction की घटनाएं कहां कहां होती है?
(1) Generator मे electromagnetic induction की घटनाएं होती हैं।
(2) Transformers मे electromagnetic induction की घटनाएं होती हैं।
(3) Induction motors मे electromagnetic induction की घटनाएं होती हैं।
(4) Coil की self induction मे electromagnetic induction की घटनाएं होती हैं।
कुछ याद रखने योग्य बातें –
Changing magnetic field ( बदलती चुंबकीय क्षेत्र )— magnetic field का बढ़ने या घटने को ही Changing magnetic field कहा जाता है।
Magnetic flux — केवल चालक तार पर पढ़ने वाली कुल magnetic field line को ही Magnetic flux कहा जाता है या magnetic field मे उपस्थित किसी पदार्थ के क्षेत्रफल से गुजरने वाले कुल magnetic field line को magnetic flux कहा जाता है।
Changing magnetic flux – चालक तार या coil पर पड़ने वाले magnetic flux के बढ़ने या घटने को ही Changing magnetic flux कहा जाता है।
(Induction) प्रेरण क्या है ?
किसी पदार्थ के घटना (phenomenon) द्वारा उत्पन्न होने वाला प्रभाव को प्रेरण (Induction) कहा जाता है। वैसे प्रेरण (Induction) की घटना बदलती magnetic field के पास कोई चालक तार को रखने पर होती है या जब किसी coil मे विद्युत धारा को प्रवाहित किया जाता है तब coil मे magnetic field उत्पन्न होती है। इस magnetic field के बदलाव से coil मे induction की घटना घटती है। आइए पदार्थ के ऐसी घटना द्वारा होने वाली प्रभाव की विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे।
(Induction) प्रेरण के दो प्रकार होती है —
(1) Self induction
(2) Mutual induction
Self induction क्या होता है ?
Self induction एक ही coil मे होने वाली ऐसी विद्युत चुंबकीय घटना (phenomenon) है जिसमे यदि किसी coil मे विद्युत धारा ( source current) को बढ़ाया जाए या घटाया जाए तो coil खुद की इस बदलती हुई magnetic field के प्रभाव से उसी coil मे electro motive force (EMF) उत्पन्न करती हैं जिसके परिणामस्वरूप वोल्टेज और करेंट भी उत्पन्न होती है।
जब किसी coil मे विद्युत धारा ( source current) के बढ़ने और घटने पर coil मे बनने वाले चुंबकीय क्षेत्र ( magnetic field) भी बढ़ेगी और घटेगी । अर्थात विद्युत धारा के बढ़ने और घटने पर coil पर बनने वाले चुंबकीय क्षेत्र ( magnetic field) मे बदलाव ( changing) होती हैं । इसलिए coil की इस बदलती चुंबकीय क्षेत्र (changing magnetic field ) अपनी प्रभाव को coil मे ही दिखाती है जिसके कारण coil चालक तार मे EMF ( electro motive force) उत्पन्न होगी एवं जिसके परिणामस्वरूप coil की खुद की वोल्टेज और करेंट भी उत्पन्न होगी एवं जिसकी दिशा source करेंट के विपरीत होगी और यह source करेंट का विरोध करेगी जिसके कारण यह बनी है। इसे self induction इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसमें coil खुद (self) की बनाई हुई changing magnetic field की प्रभाव से खुद (self) से ही coil चालक तार मे EMF ( electro motive force) उत्पन्न करती है।
याद रखे यदि coil मे एक निश्चित ( fixed) विद्युत धारा प्रवाहित होगी तो coil मे बनने वाले magnetic field भी निश्चित ( fixed) होगी यानी magnetic field मे कोई बदलाव ( changing) नही होगी। इस स्थिति मे coil चालक तार EMF ( electro motive force) उत्पन्न नही करती है। यह साधारण चालक तार की तरह ही कार्य करेगी।
आइए mathematically , self induction से बनने वाले EMF की परिमाण ( magnitude) और self inductance को समझने की प्रयास करेंगे
यदि source current को बढ़ाया जाए तो magnetic field भी बढ़ेगी जिससे magnetic flux भी बढ़ेगी । Coil की Changing magnetic field या changing magnetic flux के प्रभाव से उस coil मे ही EMF, voltage और current (i) उत्पन्न होगी। Magnetic field या magnetic flux मे बदलाव (changing) , Magnetic field के बढ़ने और घटने दोनो से ही होती है।
चूंकि विद्युत धारा ( electric current) को बढ़ाने से coil मे magnetic field बढ़ेगी जिससे magnetic flux भी बढ़ेगी।
इसलिए magnetic flux (Φ) ∝ current (i)
Φ = Li
यहां, Φ = magnetic flux , L = self inductance , I = current
self induction मे जो emf उत्पन्न करने की क्षमता होती है उसे self inductance (L) कहा जाता है। यदि करेंट की मात्रा ( quantity) 1 यूनिट हो तो self inductance की मात्रा magnetic flux के बराबर होती है।
self inductance ( L) निर्भर करने वाले कारक – coil तार की लपेटो की संख्या , coil तार का cross section area, कोर पदार्थ की प्रकृति
coil के self induction के कारण उत्पन्न EMF का परिमाण ( magnitude) क्या होगा । आइए Faraday नियमानुसार इसे निकलेंगे ।
Faraday नियमानुसार, EMF = – dΦ/dt
इसलिए EMF= – dLi/dt ( चूंकि Φ = Li )
EMF= – L di/dt
यहां , EMF = electro motive force , L = self inductance , di/dt = current परिवर्तन की दर
Mutual induction क्या होता है ?
Mutual induction , स्पर्श किए बिना पास पास अवस्थित दो coil मे होने वाली एक ऐसी विद्युत चुंबकीय घटना है जिसमे यदि पहली coil मे बदलती विद्युत धारा (source current) को प्रवाहित किया जाए तब पहली coil की बदलती चुंबकीय क्षेत्र (changing magnetic field) के प्रभाव से पास वाली दूसरी coil मे electro motive force ( EMF) उत्पन्न होती है। जिससे दूसरी coil की बंद परिपथ मे भी वोल्टेज और करेंट उत्पन्न होगी।
Mutual induction की घटना ट्रांसफार्मर , जनरेटर और मोटर मे भी देखने को मिलती है।
आइए mathematically , mutual induction से बनने वाले EMF की परिमाण ( magnitude) और mutual inductance को समझने की प्रयास करेंगे ।
चूंकि पहली coil की विद्युत धारा ( electric current) को बढ़ाने से पहली coil मे magnetic field बढ़ेगी जिससे magnetic flux भी बढ़ेगी। इस बदलती मैग्नेटिक फील्ड का प्रभाव दूसरी coil मे पड़ती है जिससे दूसरी coil मे electro motive force (EMF) उत्पन्न होती है। दुसरी coil मे EMF उत्पन्न का कारण है पहली coil की बदलती magnetic field से बनने वाले दुसरी coil पर बदलती magnetic flux (Φ2) है।
अर्थात , पहली coil की विद्युत धारा ( electric current= i1) को बढ़ाने से magnetic field बढ़ेगी इस बढ़ती magnetic field के प्रभाव से पास वाली दूसरी coil पर पड़ने वाली magnetic flux (Φ2) भी बढ़ेगी।
इसलिए पहली coil की विद्युत धारा (i1) के साथ दूसरी coil का magnetic flux (Φ2) directly proportional है।
इसलिए, magnetic flux (Φ2) ∝ i1
Φ2 = M i1
यहां , Φ2= दुसरी coil पर पड़ने वाली magnetic flux , M = mutual inductance , i1= पहली coil की बढ़ती विद्युत धारा है ।
Mutual induction मे जो emf उत्पन्न करने की क्षमता होती है उसे mutual inductance (M) कहा जाता है। यदि करेंट की मात्रा ( quantity) 1 यूनिट हो तो mutual inductance की मात्रा magnetic flux (Φ2) के बराबर होती है।
Mutual inductance ( L) निर्भर करने वाले कारक – coil तार की लपेटो की संख्या , दो coil के बीच की दूरी , coil तार का cross section area, कोर पदार्थ की प्रकृति , coil का medium
दो coil के mutual induction के कारण दुसरी coil पर उत्पन्न EMF2 का परिमाण ( magnitude) क्या होगा । आइए Faraday नियमानुसार इसे निकलेंगे ।
Faraday नियमानुसार , EMF2 = – dΦ2/dt
EMF2 = – dM i1/dt
FMF2 = – M di1/dt
यहां , FMF2 = दुसरी coil पर उत्पन्न electro motive force , M= mutual inductance , di1/dt = पहली coil मे current परिवर्तन की दर।
Electromagnetic induction का faraday’s first law
faraday’s first law –
faraday’s first law यह बताता है कि यदि किसी चालक तार या coil को बदलती magnetic field के पास रखा जाता है तब चालक तार या coil मे electro motive force (EMF) उत्पन्न होती है। यदि चालक तार बंद परिपथ हो तो इसमें वोल्टेज और करेंट भी उत्पन्न होगी।
अर्थात , changing magnetic field के पास चालक तार या coil को रखना होता है या स्थिर magnetic field के पास चालक तार या coil को घुमाना होगा । दोनो ही स्थिति में चालक तार या coil पर पड़ने वाली magnetic flux मे बदलाव (changing) आयेगी इसलिए चालक तार मे electro motive force (EMF) उत्पन्न होगी।
याद रखे किसी भी तरीका से चालक ता या coil पर पढ़ने वाली magnetic flux मे यदि बदलाव आती है तो तभी ही चालक तार या coil मे electro motive force (EMF) उत्पन्न होगी। अर्थात changing magnetic flux जिम्मेदार होती है EMF उत्पन्न के लिए।
Electromagnetic induction का faraday’s second law
faraday’s second law –
faraday’s second law यह बताता है कि coil पर पड़ने वाली changing magnetic flux के कारण उत्पन्न EMF का परिमाण (magnitude) , coil पर पड़ने वाली changing magnetic flux की दर बराबर होती है। उत्पन्न EMF की दिशा Lenz’s Law बताती है।
अर्थात , EMF= – N (dϕ/dt)
EMF = Electro motive force , N = coil तार की लपेटो की संख्या , (dϕ/dt) = changing magnetic flux की दर
Negative sign , उत्पन्न EMF की दिशा को बताता है जो changing magnetic flux की दिशा के विपरीत होती है।
very nice information& easy launwage
very nice information& easy launwage.