DC current kya hai ,What is Direct current in hindi, DC current से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी को विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
Table of Contents
Meaning of Direct Current in Hindi
DC = direct current
Direct current = दिष्ट धारा
Direct current = एकदिश धारा
Defination of Direct current in hindi
एक दिशा मे प्रवाहित आवेशित कण को दिष्ट धारा ( Direct current , DC) कहा जाता है।
What is Direct current in hindi
एक ही दिशा में प्रवाहित विद्युत आवेश ( electric charge) से उत्पन्न विद्युत धारा ( electric current) को ही दिष्ट धारा या एकदिश धारा ( Direct current , DC) कहा जाता है। यह प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) के बिल्कुल विपरीत होती है।
समय के साथ दिष्ट धारा ( Direct current) की दिशा ( direction) और परिणाम ( magnitude) नही बदलती है बल्कि यह निश्चित रहती है।
दिष्ट धारा ( Direct current) की पारंपरिक दिशा ( conventional direction ) धनात्मक टर्मिनल ( + ) से ऋणात्मक टर्मिनल (-) की ओर होती है।
जबकि वास्तव में दिष्ट धारा ( Direct current) की दिशा ऋणात्मक टर्मिनल (-) से धनात्मक टर्मिनल ( + ) की ओर होती है। क्यूंकि दिष्ट धारा ( Direct current) मे हमेशा विद्युत आवेशित कण या मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) ऋणात्मक टर्मिनल (-) से धनात्मक टर्मिनल ( + ) की ओर गति करती है।
दिष्ट धारा ( Direct current) की दिशा निश्चित होने के कारण ही इसकी टर्मिनल को निश्चित धनात्मक टर्मिनल ( + ) और ऋणात्मक टर्मिनल (-) से प्रदर्शित किया जाता है।
दिष्ट धारा ( Direct current) की ऋणात्मक टर्मिनल (-) वह बिंदु होती है जहां से मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) निकलती है और धनात्मक टर्मिनल ( + ) वह बिंदु होती है जहां मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) घुसती है । अर्थात मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) ऋणात्मक टर्मिनल (-) से निकलकर धनात्मक टर्मिनल ( + ) की ओर गति करती है।
अत्यधिक वोल्टेज जैसे 220 वोल्ट दिष्ट धारा ( Direct current , DC) प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) की तुलना में बहुत ही खतरनाक होती है। क्यूंकि 220 वोल्ट प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) की परिमाण समय के साथ घटती और बढ़ती रहती है इसलिए यह आपको केवल झटका मार सकती है लेकिन दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की 220 वोल्ट की परिमाण निश्चित रहने के कारण यह आपको पकड़कर रखेगी।
दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का स्रोत ( source ) क्या है ?
(1) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) पावर का DC जनरेटर एक अच्छा स्रोत ( source ) है ।
(2) DC पावर के लिए बैटरी भी एक अच्छा स्रोत ( source ) है ।
(3) Solar cells भी DC पावर के लिए एक अच्छा स्रोत ( source ) है ।
(4) Rectifier भी DC पावर उपलब्ध कराती है। जो घर मे आने वाली प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) को ही दिष्ट धारा ( Direct current , DC) मे बदलती है जिसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में अत्यधिक उपयोग किया जाता है।
दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का उपयोग
(1) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का अत्यधित उपयोग इलेक्ट्रोनिक उपकरण में किया जाता है।
(2) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का उपयोग पावर सप्लाई मे किया जाता है।
(3) rechargeable battery मे भी दिष्ट धारा ( Direct current , DC) पावर को ही इकट्ठा ( store) किया जाता है।
(4) DC पावर का उपयोग DC मोटर मे भी किया जाता है।
(5) DC पावर का उपयोग कम वोल्टेज ( low voltage) उपकरण जैसे – मोबाइल , टेलीविजन , कैमरा , कंप्यूटर के अंदर की उपकरण या सर्किट एवं घरों के अत्यधिक इलेक्ट्रोनिक उपकरण मे होती है।
( 6) गाड़ियों में भी DC पावर का उपयोग होती हैं।
दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का इतिहास
दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की इतिहास 1800 दशक की शुरुवात से ही देखा जा सकता है। Alessandro Volta द्वारा सन् 1800 मे ही बैटरी का आविष्कार किया गया था जिसमे से लगातार दिष्ट धारा ( Direct current , DC) को प्रवाहित किया जा सकता था।
1800 दशक मे दिष्ट धारा ( Direct current , DC) को ही बिजली ( electricity) के रूप में उपयोग किया जाता था।
1800 दशक के अंत में Nikola Tesla द्वारा दिष्ट धारा ( Direct current , DC) के अलावा बिजली ( electricity) के विकल्प के रूप में प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) का आविष्कार किया ।
सन् 1879 मे Thomas Edison द्वारा incandescent बल्ब का आविष्कार किया गया था जो DC पावर से चलती थी।
Thomas Edison द्वारा सन् 1882 मे न्यू यॉर्क शहर में पहला वाणिज्यिक ( commercial) पावर प्लांट की स्थापना की गई थी।
सन् 1950 मे high-voltage direct current (HVDC) ट्रांसमिशन लाइन की विकास की गई थी।
Symbol of Direct current in hindi
चूंकि दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की दिशा और परिमाण स्थिर (constant) होती है इसलिए इनकी चिन्ह (Symbol) को सरल रेखा (straight line) द्वारा स्थिर (constant) के समरूप ही दर्शाया जाता है।
Property of Direct current in hindi
(1) एकदिशीय (Unidirectional) – दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की दिशा हमेशा एक ही दिशा में होती है इसलिए इसे एकदिश धारा भी कहा जाता है।
(2) स्थिर वोल्टेज (Constant voltage) -दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की वोल्टेज हमेशा स्थिर होती है।
(3) स्थिर करेंट ( Constant current) – दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की विद्युत धारा ( current) हमेशा स्थिर होती है।
(4) इकट्ठा ( store ) योग्य – दिष्ट धारा ( Direct current , DC) को आसानी से इकट्ठा ( store ) किया जा सकने योग्य विद्युत धारा होती हैं।
(5) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का अपना कोई आवृत्ति (frequency ) नही होती है।
(6) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) का power factor 1 होती है जो सबसे अच्छा और स्थिर होती हैं।
Advantage of Direct current in hindi
(1) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) अधिक दक्षता (efficiency) होती है प्रत्यावर्ती धारा (alternating current , AC) की तुलना में ।
(2) सरलता (Simplicity) – AC सिस्टम की तुलना में DC सिस्टम को डिजाइन करना और संचालित करना आसान होता है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में DC सिस्टम का उपयोग किया जाता है।
(3) नियंत्रण योग्य (controllable) – DC पावर को AC पावर की तुलना में आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।
Disadvantage of Direct current in hindi
(1) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) को अधिक लंबी दूरी तक नही ले जा सकते हैं।
(2) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) मे ट्रांसफार्मर कार्य नही करती है।
(3) दिष्ट धारा ( Direct current , DC) की वोल्टेज को AC लाइन की तरह सीधे (directly ) बढ़ाया नही जा सकता है। DC लाइन की वोल्टेज को बढ़ाने के लिए इसे AC मे बदलना पड़ता है फिर से इसे DC मे बदला जाता है।
दिष्ट धारा को प्रत्यावर्ती धारा मे कैसे बदले [ ( Direct current to alternating current ) DC to AC]
दिष्ट धारा (DC) को प्रत्यावर्ती धारा ( AC) मे बदलने के लिए इन्वर्टर ( inverter) का उपयोग किया जाता है। इन्वर्टर ( inverter) एक ऐसा उपकरण है जो दिष्ट धारा ( DC) को इनपुट ( input) के रूप में लेती है और आउटपुट ( output) के रूप में प्रत्यावर्ती धारा (AC) देती है।
इन्वर्टर एक ऐसा विद्युतीय उपकरण है जो दिष्ट धारा ( DC) को दोलनात्मक (oscillatory) धारा में परिवर्तित करता है फिर, एक ट्रांसफॉर्मर का उपयोग करके दोलनात्मक धारा को वांछित (Desired) वोल्टेज और आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा (AC) में परिवर्तित किया जाता है।
प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा मे कैसे बदले [ (alternating current to Direct current ) AC to DC]
प्रत्यावर्ती धारा (AC ) को दिष्ट धारा ( DC) मे बदलने के लिए रेक्टिफायर ( rectifier) का उपयोग किया जाता है। रेक्टिफायर ( rectifier) एक ऐसा उपकरण है जो प्रत्यावर्ती धारा ( AC) को इनपुट ( input) के रूप में लेती है और आउटपुट ( output) के रूप में दिष्ट धारा (alternating current , AC) देती है।