AC current से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी , (AC) Alternating current in hindi , प्रत्यावर्ती धारा (AC) एवं इससे संबंधित सभी विषय का विस्तारपूर्वक वर्णन देखे
Table of Contents
Meaning ofAlternating Current in Hindi
AC = alternating current
Alternating = अदल-बदल कर
Current = धारा, प्रवाह
Alternating Current = दिशा बदलने वाली धारा
Alternating Current = प्रत्यावर्ती धारा
Alternating Current = Direction changing current = दिशा परिवर्तनीय धारा
Defination of Alternating current in hindi
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) वह विद्युत धारा ( electric current) होती है जो निश्चित समय अंतराल पर अपनी दिशा को बदलती रहती है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) को समझने से पहले विद्युत धारा ( current ) को समझने की कोशिश करेंगे
What is current in hindi
आवेशित कण (charged particles) की निश्चित दिशा मे गति को ही विद्युत धारा ( electric current) कहा जाता है।
किसी चालक तार में मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) ही आवेशित कण (charged particles) होती हैं इसलिए यदि किसी चालक तार मे मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) निश्चित दिशा मे गति करती है तो इसे ही चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होना कहते हैं।
आइए अब हम विद्युत धारा ( electric current) को mathematically समझने की कोशिश करेंगे । ऊपर दिए गए परिभाषा से हम विद्युत धारा ( electric current) को समझ सकते हैं लेकिन विद्युत धारा ( electric current) की मात्रा (quantity) को मापने (Measuring) के लिए हम mathematically द्वारा परिभाषित विद्युत धारा ( electric current) को ही उपयोग में लेते हैं।
किसी चालक तार के क्रॉस सेक्शन क्षेत्र से होकर किसी निश्चित दिशा में एक सेकंड में बहने वाली मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) की मात्रा ही विद्युत धारा ( current ) की माप होती हैं।
इसलिए Electric current ( i ) = Q/t
What is Alternating current in hindi
वैसे विद्युत धारा ( current) जो निश्चित समय अंतराल पर अपनी दिशा ( direction) और परिमाण (magnitude ) को लगातार बदलती रहती हो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) कहलाती है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) दो दिशा में गतिशील रहती है। यदि किसी समय अंतराल पर प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा आगे की ओर होती है तब दुसरी समय अंतराल पर प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा पिछे की ओर होती है यानी विपरीत दिशा मे होती है।
अर्थात प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) आगे की दिशा (direction) और पीछे की दिशा (direction) में ही गतिशील होती रहती है और इसकी परिमाण (magnitude ) भी लगातार बदलती रहती हैं। जैसा की नीचे दी गई video और चित्र में दिखाया गया है।
Alternating current = Positive half cycle + negative cycle = positive direction of current + negative direction of current = Flow of current from phase wire to neutral wire + Flow of current from neutral wire to phase wire
जब किसी चुंबकीय क्षेत्र ( magnetic field) मे तार की कुंडल ( coil) को घूमाया जाता है तब कुंडल ( coil) मे प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) उत्पन्न होती है एवं इस विधि का उपयोग प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) का उत्पादन करने के लिए पावर प्लांट के AC जनरेटर मे किया जाता है। प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) AC पावर को लंबी दूरी तक एक जगह से दूसरी जगह तक ट्रांसफार्मर द्वारा आसानी से ले जा सकते हैं इसलिए प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) AC पावर का उपयोग हमारे घरों , उद्योगो आदि मे किया जाता है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा (direction)
आइए प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) अपनी आगे की दिशा और पिछे की दिशा मे बदलती रहती है इसे ही अच्छी तरह समझने की प्रयास करेंगे।
दोस्तो हम सभी जानते हैं की कोई भी विद्युतीय उपकरण को चलाने के लिए कम से कम दो तार ( wire) की आवश्यकता होती है। यदि पहली तार को phase wire के साथ जोड़ते हैं तब पहली तार को phase wire कहेंगे हैं एवं दूसरी तार को neutral wire कहेंगे जो neutral wire के साथ जुड़ी होती हैं।
यानी एक उपकरण मे दो तार phase wire और neutral wire होती हैं। Phase wire और neutral wire की मदद से हम प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा को समझने की प्रयास करेंगे।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की आगे की दिशा
जब विद्युत धारा ( electric current) Phase wire से neutral wire की ओर जाती है तब प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा आगे की ओर होती है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की पिछे की दिशा
जब विद्युत धारा ( electric current) neutral wire से Phase wire की ओर जाती है तब प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की दिशा पिछे की ओर हो जाती है यानी विपरीत दिशा में हो जाती है।
Cycle of Alternating current in hindi
चूंकि प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) दो दिशा मे बदलती रहती है इसलिए इनकी दो half Cycle होती है– Positive half cycle और Negative half cycle मिलकर एक चक्र (cycle) बनती है इसे 1 चक्र ( cycle) इसलिए कहा जाता है क्यूंकि Positive half cycle 180° + negative half cycle 180° = 360° की होती है जो एक चक्र को पूरा करती है। इसी चक्र (cycle) को प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) बार बार दोहराती है। प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) हमेशा Positive cycle और Negative cycle को ही बार बार दोहराती रहती है।
Positive half cycle of Alternating current in hindi
जब विद्युत धारा ( electric current) Phase wire से neutral wire की ओर यानी आगे की ओर ( positive direction) जाती है तब इसे ही Positive half cycle कहा जाता है।
Negative half cycle of Alternating current in hindi
जब विद्युत धारा ( electric current) neutral wire से Phase wire की ओर यानी पिछे की ओर ( negative direction) जाती है तब इसे ही negative half cycle कहा जाता है।
Time period of Alternating current in hindi
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current , AC ) द्वारा एक चक्र ( cycle) पूरा करने में लिया गया समय को ही आवर्तकाल (Time period , T ) कहा जाता है।
Time period ( T) = 1 / Frequency
आवर्तकाल (Time period , T ) को कोणीय आवृत्ति angular frequency ( ω) के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है। जिनका संबंध इस तरह से है।
Time period = 2π / ω
Frequency of Alternating current in hindi
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) द्वारा 1सेकंड मे बनने वाली कुल चक्र ( cycle) को ही आवृत्ति (Frequency , f ) कहा जाता है।
अर्थात प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) द्वारा 1सेकंड मे बनने वाली कुल positive cycle और कुल negative cycle को मिलाकर आवृत्ति (Frequency) बनती है। आवृत्ति (Frequency) को हर्ट्ज़ (Hz) मे मापा जाता है।
Frequency (f) = 1 /Time period ( T)
OR
चूंकि Time period = 2π / ω & Time period ( T) = 1 / Frequency
इसलिए Frequency ( f) = ω /2π
भारत मे उपलब्ध कराई जाने वाली 50Hz आवृत्ति (Frequency) की बिजली के उदाहरण द्वारा हम अच्छी तरह समझने की कोशिश करेंगे ।
50Hz आवृत्ति (Frequency)= 50 cycle = 50 positive half cycle + 50 negative half cycle = 100 positive and negative direction change = 1 second
अर्थात प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) एक सेकंड में 100 बार अपनी दिशा बदलती है जिसमे 50 positive cycle यानी 50 बार आगे की दिशा में बदलती है( phase wire to neutral wire) और 50 negative cycle यानी 50 बार पिछे की दिशा में बदलती है( neutral wire to phase wire)
1Hz आवृत्ति (Frequency) = 1 cycle = 1 positive half cycle + 1 negative half cycle = 1 positive and negative direction change = 1 second
अर्थात प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) एक सेकंड में 1ही बार अपनी दिशा बदलती है जिसमे 1 positive cycle यानी 1 बार आगे की दिशा में बदलती है( phase wire to neutral wire) और 1 negative cycle यानी 1 बार पिछे की दिशा में बदलती है( neutral wire to phase wire)
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण ( magnitude) और (RMS) value
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण ( magnitude) से तात्पर्य उनकी वोल्टेज और करेंट की मान (value) से होती है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण ( magnitude) साइनसोइडली के रूप में समय के साथ साथ बदलती रहती है जहां यह positive cycle मे धीरे धीरे परिमाण बढ़ती है और अधिकतम मान तक पहुंचने के बाद धीरे धीरे इसकी परिमाण घट कर शुन्य हो जाती है। इसके बाद यह negative cycle मे भी धीरे धीरे परिमाण को बढ़ाती है और अधिकतम मान तक पहुंचने के बाद धीरे धीरे इसकी परिमाण घट कर शुन्य हो जाती है। प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) मे बार बार यही चक्र पुनरावृत्ति ( Repetition) होती हैं।
चूंकि प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण ( magnitude) हमेशा बदलती रहती है इसलिए प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की वास्तविक परिमाण ( magnitude) को निकालने के लिए root mean square (RMS) मान का उपयोग किया जाता है। वास्तव में उपयोग होने वाली प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current , AC ) की मान उसकी RMS होती है, ना कि उसकी अधिकतम परिमाण। RMS मान प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current , AC ) के वोल्टेज या करेंट की प्रभावी मान को दर्शाता है। root mean square (RMS) मान किसी एक चक्र ( cycle) के वर्गों के औसत का वर्गमूल होता है ।
आइए इस ग्राफ द्वारा प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की बदलती परिमाण को समझने की कोशिश करेंगे हैं । x-axis मे समय ( Time) को सेकंड से दर्शाया गया है और y-axis मे प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण ( magnitude) को दर्शाया गया है।
आइए अब हम समय अंतराल शून्य ‘ 0’ से शुरुवात करके 1 सेकंड तक प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण को देखेंगे। शुरुवात मे समय की मान अगर ‘ 0 ‘ हो तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण भी 0 ही होगी ।
उसके बाद जैसे जैसे समय बढ़ती है तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण भी एक निश्चित समय तक बढ़ती है उसके बाद समय आगे बढ़ने पर भी प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण धीरे धीरे कम होने लगती है जो शून्य ‘0’ तक पहुंच जाती है।
जैसे अगर समय 0.25 सेकंड हो तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण +2 हो जाती है जो positive direction मे अधिकतम मान है। जैसा की ग्राफ में दिखाया गया है।
समय 0.25 सेकंड से जैसे ही समय आगे बढ़ती है तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण +2 से कम होने लगती है। अब समय आगे बढ़ती है पर प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण कम होते होते समय 0.50 सेकंड में प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण शून्य ‘ 0’ हो जाती है।
समय 0.50 सेकंड से जैसे ही समय आगे बढ़ती है तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण फिर से बढ़ने लगती है। जैसे अगर समय 0.75 सेकंड हो तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण – 2 हो जाती है जो negative direction मे अधिकतम मान है। जैसा की ग्राफ में दिखाया गया है।
समय 0.75 सेकंड से जैसे ही समय आगे बढ़ती है तो प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण – 2 से कम होने लगती है। अब समय आगे बढ़ती है पर प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण कम होते होते समय 1 सेकंड में प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण फिर से शून्य ‘ 0’ हो जाती है।
अर्थात समय ‘0’ से 1 सेकंड तक मे प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण दो बार कम होती है या शून्य हो जाती है और दो बार अधिकतम हो जाती है। इसी तरह प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण अगले 1 सेकंड से 2 सेकेंड तक यही चक्र ( cycle) दोहराती है और इसी तरह पूरी समय काल में प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की परिमाण इसी चक्र ( cycle) अनुसार बढ़ती और घटती रहती है।
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) की आयाम ( amplitude or peak value)
प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current , AC) के वोल्टेज या करेंट की अधिकतम मान ( value) को ही आयाम ( amplitude or peak value ) कहा जाता है।
Phase of Alternating current in hindi
Waves की ही Phase एक गुण ( property ) है जो समय के साथ उनकी स्तिथि ( position) को वर्णन करता है। Phase का उपयोग दो या दो से अधिक waves को तुलना करने एवं उनके बीच की संबंध को समझने के लिए किया जाता है।
Phase एक माप है जो एक wave के अधिकतम मान (peak value) और दुसरी wave के अधिकतम मान (peak value) के बीच का कोण के रूप में मापा जाता है।
In phase of Alternating current in hindi
जिस दो या दो से अधिक waves की अधिकतम मान (peak value) और न्यूनतम मान एक ही समय पर हो उसे In phase कहा जाता है।
In phase मे दो या दो से अधिक waves की स्तिथि ( position) एक समान होती है।
Out of phase of the Alternating current in hindi
जिस दो waves की अधिकतम मान (peak value) और न्यूनतम मान एक समय पर ना हो यानी अलग अलग समय पर हो उसे out of phase कहा जाता है।
Out of phase मे दो या दो से अधिक waves की स्तिथि ( position) एक समान ना होकर आगे पीछे हो जाती है जैसा की three phase मे देखने को मिलता है।
Phase difference of Alternating current in hindi
दो या दो से अधिक waves के अधिकतम मान ( peak value) के कोण और समय अंतर ( difference) को ही Phase difference कहा जाता है जहां waves एक दूसरे के आगे या पीछे हो जाती है।