विद्युत क्षेत्र क्या है एवं विद्युत क्षेत्र की तिव्रता आसान भाषा में सीखिए

जानिए विद्युत क्षेत्र क्या है (electric field) एवं विद्युत क्षेत्र की तिव्रता(electric field intensity) इलेक्ट्रिक क्षेत्र में इन दोनो का क्या important हैं आदि का वर्णन विस्तारपूर्वक किया गया है।

विद्युत क्षेत्र क्या है (Electric field in hindi)

विद्युत क्षेत्र एक अदृश्य बल का क्षेत्र है जो आवेशित कणों को एक दूसरे को आकर्षित या प्रतिकर्षित करता है। यह क्षेत्र किसी आवेशित कण के चारों ओर फैला हुआ होता है, और इसकी तीव्रता आवेश के परिमाण और उसके दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

विद्युत क्षेत्र आवेशित कणों के द्वारा उत्पन्न होता है। यदि किसी स्थान पर एक धनात्मक आवेश रखा जाता है, तो वह उस स्थान पर एक विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है। इस क्षेत्र में, किसी अन्य धनात्मक आवेश को आकर्षण बल का अनुभव होगा, जबकि किसी ऋणात्मक आवेश को प्रतिकर्षण बल का अनुभव होगा।

विद्युत क्षेत्र एक सदिश राशि है, जिसका अर्थ है इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।

विद्युत क्षेत्र का उपयोग कई प्रकार के उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि इलेक्ट्रिक मोटर, इलेक्ट्रिक जनरेटर, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।

जैसा कि हम सब जानते है आवेश दो प्रकार की होती है एक धनात्मक आवेश (positive charge) और एक ऋणात्मक आवेश (negative charge) । दोनो एक दूसरे से आकर्षित होते हैं।

आकर्षण से तात्पर्य एक दूसरे की ओर बल का अनुभव करना।

प्रतिकर्षण से तात्पर्य एक दूसरे के विरुद्ध (opposite) बल का अनुभव करना।

दो समान आवेश वाला या केवल ऋणात्मक आवेश वाला दो आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, क्योंकि वे एक दूसरे के विद्युत क्षेत्रों को विक्षेपित (deflected) करते हैं। ऋणात्मक आवेश वाले कण विद्युत क्षेत्रों के विपरीत दिशा में आकर्षित होते हैं। इसलिए, जब दो ऋणात्मक आवेश एक दूसरे के करीब आते हैं, तो वे एक दूसरे के विद्युत क्षेत्रों को विक्षेपित (deflected) करते हैं। यह विक्षेपण (deflection) उन्हें अलग-अलग दिशाओं में धकेलता है, जिससे वे एक दूसरे से दूर चले जाते हैं।

नकारात्मक और धनात्मक आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे एक दूसरे के विद्युत क्षेत्र में मौजूद हों। यह क्षेत्र आवेशों के चारों ओर फैले हुए एक प्रकार के बल क्षेत्र है जो अन्य आवेशों को आकर्षित या प्रतिकर्षित करता है। नकारात्मक और धनात्मक आवेशों के बीच का आकर्षण बल दोनों आवेशों के परिमाण के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

एक positive चार्ज का विधुत क्षेत्र कैसा होता है दिए गए image से समझ सकते हो।

पॉजिटिव चार्ज की इलेक्ट्रिक फील्ड

एक धनात्मक आवेश (positive charge) का विद्युत क्षेत्र ( electric field ) धन आवेश (positive charge) से radially निकलती हुई बाहर की ओर होती है यानी negative charge की विपरीत होती हैं।

एक negative चार्ज का विधुत क्षेत्र कैसा होता है नीचे दी गई image से समझ सकते हो।

नेगेटिव चार्ज की इलेक्ट्रिक फील्ड

एक ऋणात्मक आवेश ( negative charge) का इलेक्ट्रिक फील्ड ऋणात्मक आवेश की ओर radially होती है यानी positive charge की विपरीत होती है ।

विद्युत क्षेत्र (Electric field) एवं उनकी तिव्रता (Electric field intensity ) को समझना इतनी जरूरी क्यूं है हमारे लिए

Electric current, voltage, flow of electron, electric current से चलने वाले सभी उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के कार्य करने के सिद्धांत (working principle) का श्रेय विद्युत क्षेत्र यानी Vidyut kshetra या इलेक्ट्रिक फील्ड को जाता है।

आज की दुनिया electric current या electric उपकरण के बिना असंभव है।

Mobile को charge करना । इसका मतलब mobile को आवेशित (charge ) करना । आवेश (charge) से ही electric field बनती हैं।

यदि हम ओर भी गहराई में जाए तो हम पाएंगे की आवेश (charge ) atom मे अवस्थित इलेक्ट्रॉन की कमी और अधिकता से उत्पन्न होती है और जैसा कि हमसब जानते है की इस यूनिवर्स की सारी पदार्थ atom से मिलकर बनी होती है।

कोई भी पदार्थ या atom normal अवस्था में न्यूट्रल होती है यानी उनमें कोई भी आवेश (charge)नहीं होती है। Normally कोई भी वस्तु या पदार्थ को charge या आवेशित करने के लिए हम उस वस्तु या पदार्थ को रगड़ते है तो वस्तु आवेशित (charge) हो जाती है यदि वस्तु आवेशित (charge) होती है तो आवेशित वस्तु इलेक्ट्रिक फील्ड (electric field) बनाती है।

अर्थात हम electric field से घिरे हुए हैं।इसलिए इलेक्ट्रिक फील्ड (electric field) को समझना अति आवश्यक है।

विधुत क्षेत्र की तिव्रता (Electric field intensity)

कोई भी विद्युत आवेश द्वारा इलेक्ट्रिक फील्ड बनती है तो इलेक्ट्रिक फील्ड का प्रभाव उस आवेश की दूरी के साथ घटती जाती है इसलिए इलेक्ट्रिक फील्ड के अलग अलग स्थान पर मौजूद आवेश अलग अलग परिमाण की बल का अनुभव करेगी क्योंकि इलेक्ट्रिक फील्ड के अलग अलग स्थान पर अलग अलग विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है।

अर्थात, जिस आवेश से इलेक्ट्रिक फील्ड बन रही है उस आवेश के नजदीक इलेक्ट्रिक फील्ड में दूसरी आवेश को अधिक बल का अनुभव होगी जबकि जिस आवेश से इलेक्ट्रिक फील्ड बन रही है उस आवेश से दूर इलेक्ट्रिक फील्ड में दूसरी आवेश को कम बल का अनुभव होगा और यह इलेक्ट्रिक फील्ड के अलग अलग स्थान पर अलग अलग विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के कारण होती हैं।

परिभाषा : किसी इलेक्ट्रिक फील्ड के किसी बिंदु पर एक इकाई धनात्मक आवेश कितनी बल का अनुभव करती है इसे ही उस बिंदु का विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहलाती है।

माना, +Q charge द्वारा उत्पन्न इलेक्ट्रिक फील्ड में दो धनात्मक टेस्ट चार्ज q1और q2 बिंदू p पर अवस्थित है तो बिंदू P पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (electric field intensity) एक समान होगी।

+Q charge द्वारा धनात्मक टेस्ट चार्ज q1पर लगने वाले बल ( )

coulomb’s law अप्लाई करने पर

F1 =K (+Q×q1)/r²

F1 = K {( +Q)/r² } q1

F1 = 1/4πε {( +Q)/r² } q1{where K= 1/4πε) –समी. 1

+Q charge द्वारा धनात्मक टेस्ट चार्ज q2पर लगने वाले बल ( )

coulomb’s law अप्लाई करने पर

F2 =K (+Q×q1)/r²

F2 = K {( +Q)/r² } q2

F2 = 1/4πε {( +Q)/r² } q2 –समी.2

समीकरण 1 और 2
F1 = 1/4πε {( +Q)/r² } q1
F2 = 1/4πε {( +Q)/r² } q2

समीकरण 1 और 2 मे 1/4πε{( +Q)/r² } term एक समान है और यही term बिंदू P के लिए electric field intensity है क्यूंकि बिंदु P में कोई भी आवेश के लिए electric field intensity एक ही समान होगी। यहां q1 और q2 अलग अलग आवेश के लिए बिंदु P पर electric field intensity 1/4πε{( +Q)/r² } होगा।

इसलिए,
बिंदू P पर electric field intensity ( E)

( E) = 1/4πε{( +Q)/r² } समी—3

अब : हम बिंदु P में अवस्थित तीसरी q3 आवेश पर लगने वाला बल आसानी से निकाल सकते हैं

F3= 1/4πε{( +Q)/r² } q3
F3 = Eq3

इसलिए, E3= F/q3

        E=F/q proved 

अर्थात electric field intensity ( E)= force on charge q/q

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ( E) = चार्ज q मे लगने वाला force/चार्ज q

Unit of E = force unit is N/charge unit is C

इसलिए, इलेक्ट्रिक फील्ड का मात्रक E= N/C

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का सदिश रूप
Vector form of electric field intensity

इलेक्ट्रिक फील्ड intensity की दिशा या direction वही होती है जो आवेश में लगने वाली बल की दिशा होती हैं।

अन्य पढ़े

Leave a Comment