Hysteresis loss in hindi , eddy current loss in hindi , all types transformer losses in hindi, core or Iron losses,Copper Loss,Stray Loss,Dielectric Loss, transformer vibration sound losses, ट्रांसफार्मर मे विभीन्न प्रकार के नुकसान क्या है और इसे कैसे कम किया जा सकता है।आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है।
Table of Contents
Transformer losses kya hai एवं इन हानियों की रोकथाम या निवारण की चर्चा करेंगे
Transformer losses ट्रांसफार्मर में होने वाली हानियां (losses) उस ऊर्जा से होती है जो ट्रांसफार्मर संचालन के दौरान गर्मी के रूप में नष्ट हो जाती है एवं यह ट्रांसफार्मर के कुंडल (coil ) मे बहने वाली प्रत्यावर्ती विद्युत धारा (Alternating current AC) का वाइंडिंग द्वारा प्रतिरोध के कारण और प्रत्यावर्ती धारा (AC) द्वारा ट्रांसफार्मर के कोर (core) मे बनने वाले बार-बार दिशा परिवर्तन चुंबकीय क्षेत्र के कारण ट्रांसफार्मर मे हानियां (losses) गर्मी के रूप मे उत्पन्न होती है। इसकी रोकथाम या निवारण नीचे दी हुई है।
All types Transformer losses एवं इन हानियों (losses) के types को समझने की कोशिश करेंगे
- core या Iron haniyan ( core or Iron losses)
- Hysteresis haniyan (Hysteresis Loss )
- Eddy Current haniyan ( Eddy Current Loss)
- Copper haniyan (Copper Loss)
- Stray haniyan (Stray Loss)
- Dielectric haniyan (Dielectric Loss )
- Transformer vibration sound haniyan
1.ट्रांसफार्मर मे कोर लॉस क्या है, आयरन लॉस क्या है एवं उनकी रोकथाम और निवारण कैसे करें?
लोह या कोर हानि मुख्य रूप से ट्रांसफार्मर के कोर में AC करेंट की direction बार बार बदलने के कारण transformer के core मे भी बार बार magnetic flux की दिशा बदलती है अर्थात कोर losses की मुख्य कारण है magnetize और demagnetize जिसके कारण दो प्रकार की core losses उत्पन्न होती है Hysteresis Loss और Eddy Current loss।
इस प्रकार की ट्रांसफॉर्मर हानियां कोर के अंदर पदार्थ की चुंबकीय गुण पर निर्भर करती है।
यह हानि कोर में उत्पन्न होती है इसलिए इसे कोर हानि कहा जाता है। दूसरी ओर इसे लोह हानि इसलिए कहा जाता है क्योंकि ट्रांसफार्मर कोर लोह( iron) से बना होता है।
कोर हानि को दो भागों में बांटा जा सकता है _
- Hysteresis haniyan (Hysteresis Loss )
- Eddy Current haniyan ( Eddy Current Loss)
आइए अब हम विस्तार से इसे समझने की कोशिश करेंगे
hysteresis loss in hindi एवं इसकी रोकथाम या निवारणकैसे करे ?
hysteresis का अर्थ – magnetizing force (H) के पीछे magnetic flux density का lags करना है । अर्थात magnetic flux density का बनना magnetizing force के एक समान दर से नहीं हो पाती है बल्कि magnetizing force या magnetic field strength से थोड़ी सी पीछे बनती है। Magnetic flux का थोड़ी सी पीछे बनना AC लाइन के लिए बहुत बड़ी समस्या है क्यूंकि AC लाइन हमेशा अपनी direction बहुत ही कम समय मे बदलती है यानी 1 सेकंड मे 50 बार forward direction और 50 बार reverse direction मे अपनी दिशा बदलती है इसलिए बनने वाले magnetizing force की direction भी AC लाइन की दिशा के अनुरूप ही बदलती है
यदि magnetizing force और magnitic flux की बनने की दर एक समान होती तो AC के forward और reverse direction से बनने वाले core के magnetize एवं demagnetize से hysteresis loss नही होती।
लेकिन magnetizing force और magnitic flux की बनने की दर एक समान नहीं होती है इसलिए core के magnetize एवं demagnetize से hysteresis loss होती है।
AC लाइन की बार बार direction बदलने के कारण चुंबकीय क्षेत्र या magnetic field की भी दिशा या direction भी बार बार बदलती है। लेकिन इस दिशा परिवर्तनीय magnetic field से बनने वाली magnetic flux बनने मे थोड़ी पीछे हो जाती है जिसे lags करना भी कहा जाता है परिणामस्वरूप जब magnetizing force धीरे धीरे कम हो जाती है तब magnetic flux एक समान दर से कम नहीं होती है इसलिए जब magnetizing force शून्य हो जाती है तब भी magnetic flux एक positive मान पर होती है और जब magnetic flux शून्य पर होती है तब magnetizing force दूसरी direction के positive मान मे होती है magnetizing force और magnetic flux के बीच एक lags का संबंध होती है जो hysteresis loss का कारण बनती है और magnetizing force और magnetic flux के बीच का lags संबंध को hysteresis loop कहा जाता है ये loop जितना बड़ा होगा losses उतना ही अधिक होगी।
इस प्रकार की ट्रांसफार्मर हानियां मुख्य रूप से ट्रांसफार्मर के कोर में प्रत्यावर्ती धारा(AC) प्रवाहित होने के कारण बनने वाले बार बार दिशा परिवर्तन चुंबकीय क्षेत्र के कारण होती है जो Core की magnetize और demagnetize के कारण होती है । इस क्रिया में ऊर्जा का कुछ हिस्सा ताप के रूप में परिवर्तित हो जाती है। जो अनावश्यक है।
यह हानियां पूरी तरह से ट्रांसफार्मर के कोर में उपयोग होने वाले पदार्थ के हिस्टेरीसिस गुणांक पर निर्भर करता है। कोर किस पदार्थ की बनी हुई है इस पर ही Hysteresis हानियाँ निर्भर करता है।
Hysteresis losses की रोकथाम या इसके निवारण
हिस्टैरिसीस हानि के लिए समीकरण इस प्रकार दिया गया है:
Hysteresis Loss = η* f*V*Bmaxn
जहां ( η) = पदार्थ का हिस्टेरीसिस गुणांक
f= आवृत्ति ( frequency)
V= पदार्थ का आयतन (volume)
Bmaxn= अधिकतम फ्लक्स घनत्व
hysteresis loss को कम करने के लिए silicon steel का उपयोग क्यूं किया जाता है?
silicon steel आयरन और silicon का ferritic alloy होता है जिसके परिणामस्वरूप यह एक magnetic permeability को बढ़ावा देता है।
जब AC करेंट को ट्रांसफार्मर के कोर में से गुजरता है तो AC करेंट की बार बार दिशा बदलने के कारण ट्रांसफार्मर की कोर magnetize और demagnetize होता है जिसके कारण hysteresis loss होती है अत: magnetic permeability जितनी अधिक होगी hysteresis losses उतनी ही कम होगी ।
इस तरह slicon स्टील magnetic permeability को बढ़ाने का काम करती है जिससे की heysteresis losses कम होती हैं।
eddy current loss in hindi एवं इसकी रोकथाम या निवारण कैसे करे?
जब फ्लक्स (flux) एक बंद सर्किट (circuit) के साथ लिंक होता है जो ट्रांसफार्मर के कोर में alternating magnetic flux के कारण core सर्किट में ईएमएफ (emf) उत्पन्न होता है जिसके कारण ट्रांसफार्मर के कोर में circulating विद्युत धारा बहने लकता है जिसे eddy current बोला जाता है एवं जिसका ट्रांसफार्मर के performance या efficiency पर कोई value नही होती है उल्टा यह heat के रूप में energy को बर्बाद करती है।
चूंकि ट्रांसफॉर्मर का कोर एक संचालन पदार्थ का बना होता है इसलिए ये ईएमएफ (emf) कोर पदार्थ के अंदर एक भंवर धारा (circulating current) के रूप में प्रसारित होता है और यह भंवर धारा तब पैदा होता है जब कोई चालक बार बार दिशा परिवर्तन चुंबकी क्षेत्र (Alternating magnetic field) का अनुभव करता हो।
Eddy Current losses की रोकथाम या इसके निवारण
इस तरह की ट्रांसफॉर्मर हानियां को रोकने के लिए ट्रांसफार्मर के कोर में पतले लेमिनेशन का परत चढ़ाया जाता है।
भंवर धारा हानि इन कारक पर निर्भर करती है:
Bmax = maximum flux density
f= supply frequency
t= thickness of lamination
V= volume of core
Ke – coefficient of eddy current
Eddy Current loss को कम करने के लिए silicon steel का उपयोग क्यूं किया जाता है?
जब silicon steel का उपयोग किया जाता है तब यह electrical resistivity को भी बढ़वा देता है जिसके कारण eddy current की conductivity मे कमी होती है जिससे ओवरऑल eddy current losses घटती है।
इस तरह eddy current की conductivity को कम करने के लिए ट्रांसफार्मर के कोर को laminated किया जाता है।
2.Copper हानियाँ क्या है एवं इसकी रोकथाम या निवारण कैसे करे ?
ये ट्रांसफॉर्मर हानियां वाइंडिंग के ओमिक प्रतिरोध के कारण होती है
यदि I i1 & i2 प्राइमरी तथा सेकंडरी धारा है। और R1 & R2 प्राइमरी तथा सेकंडरी वाइंडिंग है तब कुल कॉपर लॉसेस (copper losses) = ( i1 )2R1 + ( i2)2R2
यह copper losses पूरी तरह से लोड पर निर्भर करता है। Copper loss लोड करेंट के वर्ग के साथ बदलता है।
Copper losses की रोकथाम या इसके निवारण
इस प्रकार के हानियों को रोकने के लिए coil मे मोटे मोटे तारो को उपयोग में लिया जाता है।
3.ट्रांसफार्मर की Stray हानियाँ क्या है
स्ट्रे हानि leakage field के अवस्थित होने के कारण होती है।
इस तरह के ट्रांसफार्मर हानियां लोह और कॉपर हानियां की तुलना में काफी कम होती है इसलिए इसे नजरंदाज कर दिया जाता है।
4.Dielectric हानियाँ और इसकी रोकथाम या निवारण कैसे करे
ट्रांसफार्मर के तेल (insulating oil ) मे उपस्थित कम गुणवत्ता या खराब तेल या कम गुणवत्ता ठोस insulating के वजह से डाइलेक्ट्रिक हानि होती है। जब तेल या ठोस के insulation क्षमता कम होने लगता है तब ट्रांसफार्मर की दक्षता काफी घट जाती है।
Dielectric हानियों की रोकथाम या इसके निवारण
अच्छी क्वालिटी वाली ट्रांसफार्मर तेल (insulating oil ) का उपयोग तथा ट्रांसफार्मर के तेल को expired date के पहले भी चेक करते रहना चाहिए अगर तेल खराब हो जाती है तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए।
5.Transformer vibration sound हानियाँ और इसकी रोकथाम या निवारण कैसे करें?
यह हानि ट्रांसफार्मर में AC या प्रत्यवर्ती धारा के कारण ट्रांसफार्मर का कोर कंपन होने की वजह से ऊर्जा का बहुत ही छोटा हिस्सा ध्वनि हानि के रूप परिवर्तित हो जाती है।
इसकी रोकथाम या इसके निवारण
इस प्रकार की हानियों की रोकथाम के लिए oil बेरियर्स और कुशल पैडिंग का उपयोग किया जाता है।
Transformer Efficiency क्या होता है एवं Transformer हनियों से इनका संबंध को जानेंगे ?
एक ट्रांसफॉर्मर की आउटपुट पावर और उसकी इनपुट पावर के अनुपात को ट्रांसफॉर्मर दक्षता (Transformer Efficiency) के रूप में जाना जाता है।
ट्रांसफार्मर हानियां के प्रभाव को ट्रांसफॉर्मर दक्षता से मापा जाता है। यह प्रतिशत में वक्त किया जाता है।
transformer की efficiency का मतलब ट्रांसफार्मर की इनपुट में जितना पावर देते है उतना पावर यदि आउटपुट में मिलता है तो ट्रांसफार्मर की efficiency 100% यानी बहुत ही अच्छी होगी और ट्रांसफार्मर की efficiency अच्छा तभी होगी जब ट्रांसफार्मर में losses कम होगी। अगर ट्रांसफार्मर की losses अधिक होगी तो ट्रांसफार्मर की efficiency घटेगी या खराब होगी।
अर्थात यदि ट्रांसफार्मर की दक्षता (Efficiency) अधिक है तो ट्रांसफार्मर हानियाँ कम होगी और यदि ट्रांसफार्मर की दक्षता (Efficiency) कम है तो ट्रांसफार्मर हानियाँ अत्यधिक होगी।
ट्रांसफॉर्मर दक्षता (Transformer Efficiency)के लिए समीकरण इस प्रकार दिया गया है:
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