Effect of temperature on resistance in hindi , temperature coefficient of resistance in hindi आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन इस आर्टिकल में किया गया है।
Table of Contents
Temperature coefficient का meaning क्या है ?
Temperature coefficient = तापमान गुणांक
What is temperature coefficient of resistance in hindi
किसी पदार्थ का तापमान गुणांक (temperature coefficient ) एक माप है जो यह दर्शाता है कि तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से पदार्थ के प्रतिरोध में कितना परिवर्तन होता है। यदि तापमान गुणांक धनात्मक होता है, तो तापमान में वृद्धि के साथ प्रतिरोध भी बढ़ता है। यदि तापमान गुणांक ऋणात्मक होता है, तो तापमान में वृद्धि के साथ प्रतिरोध घटता है।
तापमान में वृद्धि के साथ उस पदार्थ की प्रतिरोध में कितनी वृद्धि होगी या तापमान में कमी के साथ उस पदार्थ की प्रतिरोध में कितनी कमी होगी, इसका अनुमान इस गुणांक से लगाया जा सकता है।
यह गुणांक प्रति डिग्री सेल्सियस प्रतिरोध में वृद्धि के रूप में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए,यदि किसी तार के पदार्थ का प्रतिरोध ताप गुणांक 0.00125 प्रति डिग्री सेल्सियस है, तो 0°C पर 2 ओम प्रतिरोध वाले तार का 1°C तापमान बढ़ाने पर प्रतिरोध 0.00125 ओम बढ़कर 2.00125 ओम हो जाएगा।
0.00125 प्रति डिग्री सेल्सियस प्रतिरोध ताप गुणांक का अर्थ है कि प्रति डिग्री सेल्सियस तापमान में वृद्धि के साथ प्रतिरोध 0.00125 ओम बढ़ जाएगा।
इसलिए इस मामले में, तार का तापमान 0°C से 1°C तक बढ़ रहा है। इसलिए, प्रतिरोध में वृद्धि 0.00125 ओम होगी। इस प्रकार, तार का नया प्रतिरोध = 2 ओम + 0.00125 ओम = 2.00125 ओम होगा।
तापमान गुणांक ( temperature coefficient ) के प्रकार
धनात्मक तापमान गुणांक( positive temperature coefficient ) :- इस प्रकार के पदार्थों में तापमान में वृद्धि के साथ प्रतिरोध बढ़ता है। धातुओं में आमतौर पर धनात्मक तापमान गुणांक होता है।
ऋणात्मक तापमान गुणांक ( negative temperature coefficient ) :- इस प्रकार के पदार्थों में तापमान में वृद्धि के साथ प्रतिरोध घटता है। अर्धचालकों और कुचालकों में आमतौर पर ऋणात्मक तापमान गुणांक होता है।
Effect of temperature on resistance in hindi
प्रतिरोध पर तापमान का प्रभाव ( effect of temperature on resistance) किसी पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करती है। तापमान के बढ़ने पर किसी पदार्थ की प्रतिरोध बढ़ भी सकती है और घट भी सकती है । हमलोग यहां चालक, अर्धचालक , कुचालक ( conductor, semiconductor, insulator) पदार्थ पर तापमान की प्रभाव को समझने की कोशिश करेंगे।
Effect of temperature on resistance of conductor in hindi
चालको (conductor) में इलेक्ट्रॉन चालन बैंड ( conduction band) मे होती है। इसलिए, चालक मे विद्युत धारा प्रवाहित (current) के लिए पर्याप्त मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) होते हैं।
लेकिन तापमान बढ़ने पर, चालन बैंड के इलेक्ट्रॉन को अत्यधिक ऊर्जा मिल जाती है। जिससे वे कंपन करते हुए परमाणुओं से जोर से और अधिक बार टकराते हैं इससे इलेक्ट्रोनो को निश्चित दिशा मे गति करने में बाधा उत्पन्न होती है परिणामस्वरूप विद्युत धारा (current ) की प्रवाह मे कमी आयेगी इसलिए प्रतिरोध बढ़ेगी।
Relation between Temperature and Resistance of conductor in hindi
आइए अब mathematically किसी चालक का तापमान ( temperature) और प्रतिरोध ( resistance) के बीच संबंध को समझने की कोशिश करेंगे
किसी चालक का तापमान ( temperature) बढ़ाने पर नई प्रतिरोध ( resistance) को इस संबंध द्वारा निकाल सकते हैं।
R = Ro (1 + α × ΔT)
जहां यह संबंध हमे यह बताता है की तापमान के बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ेगी ।
जहां R = तापमान बढ़ने के बाद को नई प्रतिरोध , Ro = शुरुवाती प्रतिरोध , α = प्रतिरोध का तापमान गुणांक (temperature coefficient) , ΔT = तापमान मे परिवर्तन
Effect of temperature on resistance of semiconductor in hindi
रूम तापमान पर Semiconductor में इलेक्ट्रॉन valence band में बंधे होते हैं, जो conduction band से नीचे होता है। इसलिए semiconductor मे विद्युत धारा (current) प्रवाहित के लिए conduction band मे कोई भी मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) नहीं होते हैं। लेकिन पर्याप्त तापमान बढ़ाने पर valence band के इलेक्ट्रॉन को conduction band में जाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है। जिससे इलेक्ट्रॉन conduction band मे आसानी से चले जाते है, इससे semiconductor के conduction band मे मुक्त इलेक्ट्रॉन ( free electron) की संख्या बढ़ जाती है, जो विद्युत धारा (current) प्रवाहित के लिए पर्याप्त है ।
इस प्रकार, पर्याप्त तापमान बढ़ने पर semiconductor semiconductor में विद्युत धारा प्रवाहित होगी जिससे प्रतिरोध घट जायेगा।
Relation between Temperature and Resistance of semiconductor in hindi
आइए अब mathematically किसी अर्धचालक (semiconductor) का तापमान ( temperature) और प्रतिरोध ( resistance) के बीच संबंध को समझने की कोशिश करेंगे
R = Ro (1 – α × ΔT)
जहां यह संबंध हमे यह बताता है की तापमान के बढ़ने पर प्रतिरोध घटेगी ।
जहां R = तापमान बढ़ने के बाद को नई प्रतिरोध , Ro = शुरुवाती प्रतिरोध , α = प्रतिरोध का तापमान गुणांक (temperature coefficient) , ΔT = तापमान मे परिवर्तन
Effect of temperature on resistance of insulator in hindi
कुचालक (insulator) में, इलेक्ट्रॉन संयोजी बैंड में मजबूती से बंधे हुए होते हैं। यह बंधन इतना मजबूत होता है कि इलेक्ट्रॉन को इसे तोड़ने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा इतनी अधिक होती है कि इसे केवल अत्यधिक तापमान या विकिरण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए, कमरे के तापमान पर, कुचालक के चालन बैंड में विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए पर्याप्त मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
अर्थात , कुचालक में, इलेक्ट्रॉन संयोजी बैंड और चालन बैंड के बीच एक विशाल मोटी दीवार से अलग हुए होते हैं। यह दीवार इतनी मोटी होती है कि इलेक्ट्रॉन को इसे पार करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो कमरे के तापमान पर इस ऊर्जा की पूर्ति नही हो पाएगी। इसलिए कुचालक में विद्युत धारा प्रवाहित करने के लिए पर्याप्त मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
लेकिन फिर भी यदि अत्यधिक तापमान को बढ़ाने पर इलेक्ट्रॉन को मोटी दीवार पार करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है। इससे कुछ इलेक्ट्रॉन संयोजी बैंड से चालन बैंड में कूद जाते हैं। इससे चालन बैंड में मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप, कुचालक में विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है ।
इस प्रकार, तापमान बढ़ने पर ही कुचालक का प्रतिरोध घट जाता है। क्यूंकि तापमान बढ़ने पर ही कुचालक में विद्युत धारा प्रवाहित होगी।