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What is star delta connection in hindi

Star delta कनेक्शन एक प्रकार का three phase कनेक्शन होता है जिसमें एक उपकरण के तीन वाइंडिंग के सिरे को दो अलग-अलग तरीकों से पावर स्रोत ( power source) के साथ इस तरह कनेक्शन किया जाता है जो एक कनेक्शन star जैसी दिखाई देती है तथा दूसरी कनेक्शन delta जैसी दिखाई देती है इसलिए Three phase कनेक्शन करने की इन दो तरीकों को ही सम्मिलित रूप से star delta कनेक्शन कहा जाता है। star कनेक्शन में उपकरण के तीनो वाइंडिंग के एक तरफ के सिरों को एक-दूसरे के साथ इस तरह जोड़ा जाता है, जिससे कनेक्शन एक star जैसी दिखाई देती है। delta कनेक्शन में उपकरण के तीनो वाइंडिंग के सिरों को एक दूसरे के साथ क्रमिक रूप से इस तरह जोड़ा जाता है, जिससे कनेक्शन एक delta जैसी दिखाई देती है।

किसी भी विद्युतीय प्रणाली ( Electrical system) मे कनेक्शन ( connection) मुख्यत: दो ही तरीका से होती है।

(1) सिंगल फेज कनेक्शन ( Single phase connection) :- सिंगल- फेज ( single phase) कनेक्शन एक प्रकार का विद्युत कनेक्शन है जिसमें केवल एक फेज तार और एक न्यूट्रल तार होता है। फ़ेज़ तार विद्युत धारा ( current) को उपकरण तक ले जाता है, जबकि न्यूट्रल तार विद्युत धारा ( current) को वापस स्रोत ( power source) तक ले जाता है। सिंगल-फेज कनेक्शन का उपयोग कम शक्ति वाले उपकरणों को चलाने के लिए किया जाता है, जैसे कि घरेलू उपकरण और छोटे व्यवसाय उपकरण।

(2) थ्री फेज कनेक्शन ( Three phase connection) :- थ्री-फेज( three phase) कनेक्शन एक प्रकार का विद्युत कनेक्शन है जिसमें तीन फेज तार और एक न्यूट्रल तार होता है। फ़ेज़ तार विद्युत धारा ( current) को उपकरण तक ले जाते हैं, जबकि न्यूट्रल तार विद्युत धारा ( current) को वापस स्रोत तक ले जाता है। थ्री-फ़ेज़ कनेक्शन का उपयोग उच्च शक्ति वाले उपकरणों को चलाने के लिए किया जाता है, जैसे कि औद्योगिक मशीनरी और मोटर ।

थ्री फेज कनेक्शन ( Three phase connection) मे भी दो तरीका से कनेक्शन किया जाता है जिसे स्टार और डेल्टा कनेक्शन (star delta connection ) कहा जाता है।

(a) स्टार कनेक्शन ( star connection)

(b) डेल्टा कनेक्शन ( delta connection)

स्टार कनेक्शन क्या है ( star connection in hindi)

स्टार कनेक्शन एक प्रकार का तीन-चरण ( three phase) विद्युत कनेक्शन है जिसमें उपकरण के तीन वाइंडिंग्स को एक स्टार “Y” आकार में जोड़ा जाता है।इसलिए इसे स्टार कनेक्शन कहा जाता है। स्टार कनेक्शन को अक्सर एक “Y” चिह्न से दर्शाया जाता है क्यूंकि चिह्न “Y” एक स्टार की आकृति को दर्शाती हैं।

स्टार कनेक्शन में, प्रत्येक वाइंडिंग के एक सिरे को एक सामान्य बिंदु पर जोड़ा जाता है, जिसे स्टार बिंदु या न्यूट्रल बिंदु कहा जाता है। स्टार बिंदु आमतौर पर भूसंपर्क किया जाता है। फिर, प्रत्येक वाइंडिंग के शेष बचे दूसरे सिरे को एक लाइन कंडक्टर से जोड़ा जाता है।

आइए इसे अच्छी तरह समझते हैं। किसी थ्री फेज ट्रांसफार्मर या थ्री फेज मोटर के तीनो फेज वाइंडिंग तार R1 , Y1 और B1 सिरे को एक साथ सामान्य बिंदु (common point) से जोड़ा जाता है जिसे न्यूट्रल बिंदु (neutral point) कहा जाता है एवं इनके दूसरे सिरे R2,Y2 और B2 को पावर आपूर्ति ( supply) के कनेक्शन के लिए के खुला छोड़ दिया जाता है। इसकी आकृति एक स्टार ( star) जैसे लगती है इसलिए इसे स्टार कनेक्शन कहा जाता है जैसे की इस चित्र में दिखाया गया है

स्टार कनेक्शन की गुण ( property)

(1) लाइन वोल्टेज , फेज वोल्टेज के 3 गुना के वर्गमूल (√3) के बराबर होती है। इसलिए यदि फेज वोल्टेज= 254 तो लाइन वोल्टेज = 254 × (√3) = 440 वोल्ट

(2) लाइन धारा (line current) , फेज धारा ( phase current) के बराबर होती है।

(3) (R,Y,B) फेज तार मे पोटेंशियल ( potential) अधिक होती है जबकि न्यूट्रल तार मे पोटेंशियल ( potential) बहुत ही कम या शुन्य होती है इसलिए न्यूट्रल तार में हमे झटका नही लगती है केवल (R,Y,B) फेज तार मे झटका लगती है।

(4) कुल पावर तीनों फेज के पावर के योग के बराबर होगी जब सभी तीन फेज संतुलित होंगे। यदि लोड असंतुलित है, तो कुल पावर तीनों फेज के पावर के योग से भिन्न हो सकती है।

स्टार कनेक्शन का उपयोग कहां कहां होती है?

(1) बिजली वितरण (power distribution) :- स्टार कनेक्शन का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग बिजली वितरण ट्रांसफार्मर मे किया जाता है ताकि न्यूट्रल प्राप्त हो । चूंकि विद्युतीय उपकरण को चलाने के फेज और न्यूट्रल की आवश्यकता होती हैं।

(2) मोटर ( motor) :- स्टार कनेक्शन का उपयोग थ्री फेज मोटर को चलाने के लिए भी किया जाता है।

(3) औद्योगिक मशीन :- स्टार कनेक्शन का उपयोग औद्योगिक मशीन को चलाने के लिए भी किया जाता है।

स्टार कनेक्शन का लाभ

(1) सुरक्षा ( safety) :- चूंकि स्टार कनेक्शन से हमे न्यूट्रल प्राप्त होती है इसलिए फेज और न्यूट्रल के बीच बनने वाली फेज वोल्टेज , लाइन वोल्टेज से कम होती है इसलिए फेज वोल्टेज से किसी उपकरण के साथ काम करना काफी सुरक्षित है।

(2) कार्यक्षमता (Efficiency) :- स्टार कनेक्शन असंतुलित विद्युत धाराओं (unbalanced currents ) के लिए एक मार्ग प्रदान करता है। जिसे विद्युत प्रणाली में कार्यक्षमता (Efficiency) बढ़ती है।

(3) अनुकूलता (compatibility) :- घरों में उपयोग होने वाली जितने भी उपकरण होती है वह कम पावर 220 वोल्ट की होती है इसलिए यह वोल्टेज केवल फेज और न्यूट्रल से ही प्राप्त की जा सकती है जो स्टार कनेक्शन प्रदान करती है।

स्टार कनेक्शन के हानि

(1) असंतुलित लोड के साथ, न्यूट्रल तार एक बड़ी विद्युत धारा ( current) ले सकता है। इससे न्यूट्रल तार के अत्यधिक गर्म (overheating) और जलने का खतरा बढ़ जाता है।

(2) डेल्टा कनेक्शन की तुलना में अतिरिक एक तार की आवश्यकता होती हैं। क्यूंकि स्टार कनेक्शन में 4 तार की आवश्यकता होती है जबकि डेल्टा कनेक्शन में केवल 3 ही तार की आवश्यकता होती हैं।

(3) डेल्टा कनेक्शन असंतुलित लोड के लिए एक समस्या हो सकता है।

डेल्टा कनेक्शन क्या है ( delta connection in hindi)

डेल्टा कनेक्शन एक प्रकार का तीन-चरण ( three phase) विद्युत कनेक्शन है जिसमें उपकरण के तीन वाइंडिंग्स को एक त्रिभुज “Δ” आकार में जोड़ा जाता है। इसलिए इसे डेल्टा कनेक्शन कहा जाता है क्यूंकि डेल्टा कनेक्शन को अक्सर एक “Δ” चिह्न द्वारा दर्शाया जाता है जो चिह्न “Δ” ग्रीक शब्द डेल्टा से आई हैं।

डेल्टा कनेक्शन में, प्रत्येक वाइंडिंग के एक सिरे को दूसरे वाइंडिंग के दूसरे सिरे से जोड़ा जाता है। फिर, प्रत्येक वाइंडिंग के दूसरे सिरे को एक लाइन कंडक्टर से जोड़ा जाता है।

डेल्टा कनेक्शन के गुण ( property)

(1) लाइन करेंट , फेज करेंट के 3 गुना के वर्गमूल (√3) के बराबर होती है।

(2) लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज के बराबर होता है।

(3) इसमे कोई भी न्यूट्रल नही होती है।

(4) डेल्टा कनेक्शन में कुल पावर तीनों फेज के पावर के योग के बराबर होगी जब सभी तीन फेज संतुलित होंगे। यदि लोड असंतुलित है, तो कुल पावर तीनों फेज के पावर के योग से भिन्न हो सकती है।

आइए नीचे एक उदाहरण द्वारा थ्री फेज मोटर में स्टार डेल्टा कनेक्शन को समझने की प्रयास करेंगे।

डेल्टा कनेक्शन के लाभ

(1) यह लोड पर उच्च वोल्टेज प्रदान करता है जिससे उच्च पावर वाली मशीनो को चलाया जा सकता हैं।

(2) डेल्टा कनेक्शन में, केवल तीन लाइनों की आवश्यकता होती है, जबकि स्टार कनेक्शन में चार लाइनों की आवश्यकता होती है।इसलिए डेल्टा कनेक्शन में स्टार कनेक्शन की तुलना में एक लाइन तार कम लगती है।

(3) डेल्टा कनेक्शन में स्टार कनेक्शन की तुलना में उपयोग करना अधिक सुविधाजनक है।

डेल्टा कनेक्शन के हानि

(1) डेल्टा कनेक्शन असंतुलित लोड के लिए एक समस्या हो सकता है।

(2) डेल्टा कनेक्शन से घर के उपकरण को चलाना सुरक्षित नही है क्यूंकि यह अत्यधिक उच्च वोल्टेज प्रदान करती है।

मोटर में स्टार डेल्टा कनेक्शन (star delta connection in motor)

थ्री-फ़ेज़ मोटर में आमतौर पर तीन वाइंडिंग होती हैं, प्रत्येक में दो सिरे होते हैं। यह कुल छह सिरे बनाता है, जो मोटर के बाहर छह टर्मिनल के रूप में निकाले जाते हैं। इन टर्मिनलों को थ्री-फ़ेज़ पावर सप्लाई से जोड़कर मोटर को चालू किया जाता है।

आइए मोटर में स्टार डेल्टा कनेक्शन कैसे करे इसे समझे

सबसे पहले मोटर के वाइंडिंग टर्मिनलों की पहचान करें। आमतौर पर, वाइंडिंग टर्मिनलों को U1, V1, W1, U2, V2, W2 के रूप में लेबल किया जाता है। लेकिन हमलोग यहां R1, Y1, B1, R2, Y2, B2 के रूप में लेबल करेंगे ।

स्टार कनेक्शन के लिए

एक स्टार कनेक्शन बनाने के लिए, R2, Y2, और B2 टर्मिनलों को एक साथ कनेक्ट करें जहां से न्यूट्रल तार निकलेगी जैसा की नीचे चित्र में दिखाया गया है।

डेल्टा कनेक्शन के लिए

  1. R1 टर्मिनल को B2 टर्मिनल से कनेक्ट करें।
  2. Y1 टर्मिनल को R2 टर्मिनल से कनेक्ट करें।
  3. B1 टर्मिनल को Y2 टर्मिनल से कनेक्ट करें

जैसा की नीचे चित्र में दिखाया गया है।

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