power factor kya hai,Lagging पावर फैक्टर, leading पावर फैक्टर & यूनिटी पावर फैक्टर क्या है, what is power factor in hindi ,active power and reactive power in hindi, apparent power in hindi
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power factor definition in hindi
वास्तविक पावर (Active power) तथा आभासी पावर (apparent power) की अनुपात को power factor कहा जाता है।
What is power factor in hindi या पावर फैक्टर क्या है ?
Power factor वास्तविक शक्ति ( active power) और आभासी शक्ति (apparent पावर) के अनुपात को दर्शाता है। यह एक ऐसा माप है जो हमारे विद्युत प्रणालियों की दक्षता (efficiency) को बताता है। एक अच्छी power factor की माप जो की 1 होती है या उच्च शक्ति गुणांक ( power factor) का अर्थ है कि हमारे उपकरणों द्वारा पावर का उपयोग अधिक कुशलता से हो रही हैं जो कम ऊर्जा का उपयोग को दर्शाता हैं।
एक खराब power factor की माप जो कि 1 से कम होती है या कम शक्ति गुणांक ( power factor) का अर्थ है कि हमारे उपकरणों द्वारा पावर का उपयोग कम कुशलता से हो रही हैं जो अधिक ऊर्जा का उपयोग को दर्शाता हैं। यह ऊर्जा की बर्बादी और ऊर्जा लागत में वृद्धि का कारण बन सकता है।
शक्ति गुणांक ( power factor) में सुधार करने के लिए हम शक्ति गुणांक सुधार उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं। शक्ति गुणांक सुधार एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे हम अपनी ऊर्जा दक्षता ( efficiency) में सुधार कर सकते हैं और ऊर्जा लागत को कम कर सकते हैं।
Power factor important qun hai
पावर फैक्टर बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्यूंकि पावर फैक्टर की मदद से हम यह जान पाते हैं की हमारे इलेक्ट्रिकल सिस्टम में इलेक्ट्रिकल energy का उपयोग सही से हो पा रहा है या नहीं अर्थात इलेक्ट्रिकल energy का loss को समझ सकते हैं। वास्तव मे हम जितना इलेक्ट्रिकल energy का उपयोग करते हैं उससे अधिक इलेक्ट्रिकल energy बर्बाद होती है यह किसी काम की नही होती है इसलिए इलेक्ट्रिकल energy की इस बर्बादी को हम Power factor द्वारा जान पाएंगे।
हमारे घरों में आने वाली बिजली बिल real मे उपभोग की जाने वाली इलेक्ट्रिकल energy और बर्बाद हुई इलेक्ट्रिकल energy दोनो को जोड़ कर के बनाया जाता है। अर्थात बर्बाद हुई इलेक्ट्रिकल energy के लिए भी हमको पैसा देना पड़ता है इसलिए power factor को सुधारना बहुत जरूरी है।
Power factor को अच्छी तरह से समझने के लिए नीचे कुछ विषय दिए गए हैं जिसे समझना अति आवश्यक है।
Active power क्या है ?
Active power किसी इलेक्ट्रिक load द्वारा उपयोग की जाने वाली वास्तविक या real पावर होती है।
Active power घर के pure resistive load द्वारा उपयोग होती है और heat के रूप में नष्ट हो जाती है। जैसे – घर का incandescent लाइट बल्ब
Active power या real power को हमेशा watt ( W) या ( kW) से मापा जाता है।
Active power के waveform का phase angle को आइए समझे
Active power मे voltage और electric current का waveform हमेशा एक ही phase या एकसमन phase पर होती है इसलिए इसकी waveform की शुरुवात 0 डिग्री से शुरू होती है।
Waveform की positive cycle मे voltage और current दोनो positive मे होती है इसलिए power भी positive मे होगी।
Waveform की negative cycle मे voltage और current दोनो negative मे होती है इसलिए power का fotmula उपयोग करने पर पावर positive मे होगी। अर्थात P = (-V) x (-I) x Cos Ф = + (VICos Ф)
अर्थात, Active power मे positive cycle waveform और negative waveform से हमे यह पता चलता है की current एवं voltage हमेशा एक ही या एकसमान phase मे होती है जिसके परिणामस्वरूप power भी हमेशा positive मे ही होती है।
reactive power क्या है ?
Reactive power एक प्रकार की negative power होती है जो magnetic field बनने के लिए load मे जरूरत होती है। इस प्रकार की reactive power से वास्तव में load पर किसी भी प्रकार की actual कार्य नहीं होती है।
Reactive power प्राय: inductive load और capacitive load मे देखने को मिलती है।
Reactive power को हमेशा volt-ampere reactive (var) या (kvar) से मापा जाता है।
Reactive power के waveform का phase angle को आइए समझे
Reactive power मे voltage और current के waveform का phase कभी भी एकसमान नही होता है । अर्थात voltage और current मे हमेशा phase difference रहता यानी voltage और current के phase मे हमेशा अंतर रहेगा।
apparent power क्या है ?
Active power और reactive power का संयोजन या vector sum को ही apparent power कहा जाता है।
apparent power को हमेशा volt-ampere (VA) या ( kVA) से मापा जाता है।
शक्ति गुणांक किसे कहते हैं या power factor kya hota hai
Power factor एक active power तथा apparent power की अनुपातिक मान या संख्या होती है जिसके आधार पर हम ये तय कर पाते हैं की हमारी power की मैनेजमेंट सिस्टम अच्छी है या खराब है ।यदि पावर की मैनेजमेंट सिस्टम खराब है तो पावर की बरबादी(waste) होगी ।अगर power की मैनेजमेंट सिस्टम खराब है तो उसे हमे सुधारने की जरूरत होती है।
जैसे यदि हमारा पावर फैक्टर (power factor) की अनुपातिक मान pf= 1 है तो इसका मतलब हमारा power मैनेजमेंट सिस्टम बहुत ही अच्छा है या अच्छी पावर फैक्टर माना जाता है । pf= 1 या 0.99, 0.98 को अच्छी पावर फैक्टर माना जाता है और यदि power factor का मान 1 से कम आती है यानी 0.30, 0.20 , 0 , -1 इत्यादि को खराब पावर फैक्टर होती तो इसका मतलब हमारी power मैनेजमेंट सिस्टम खराब है। पावर फैक्टर जितना खराब होगी उतना अधिक पावर की बरबादी होगी । जितना अधिक पावर की बरबादी होगी उतना अधिक हमे पावर सिस्टम के लिए बेकार में पैसा देना होगा।
जैसा की उपर में voltage और current की sine wave की डायग्राम मे दिया गया है इसमें वोल्टेज और करेंट एक ही phase मे है यानी वोल्टेज और करेंट में phase difference नही है इसलिए यह एक यूनिटी पावर फैक्टर है जो सबसे अच्छी पावर फैक्टर माना जाता है। अर्थात वोल्टेज और करेंट की phase द्वारा हम यह पावर फैक्टर निकाल सकते हैं।
वोल्टेज और करेंट की phase difference जितना अधिक होगी उतना अधिक पावर फैक्टर खराब होती जाती है जिसके परिणामस्वरूप पावर की बरबादी अधिक होगी।
वोल्टेज और करेंट की phase difference जितना कम होगा उतना पावर फैक्टर अच्छी होती जाति है। अर्थात पावर की बरबादी कम होगी।
आइए एक उदाहरण से समझे की power factor को सुधारने की जरूरत क्यूं होती है ?
माना की आप एक होटल में cold drink मगवाते हो और दुकानदार आपको एक ग्लास में cold drink डाल देता है। अभी यदि ग्लास को ध्यान से देखे तो हम पाएंगे की ग्लास के ऊपरी हिस्सा केवल झाग से भरी हुई है। अब कुछ देर ग्लास को वैसे ही रहने दे अब आप देखेंगे की ग्लास की ऊपरी हिस्सा का झाग धीरे धीरे खत्म होने लकती है जैसे ही कोल्ड ड्रिंक की झाग खत्म होने लकती है वैसे ही आप देखोगे की वास्तव (real) मे पीने लायक कोल्ड ड्रिंक केवल आधा ग्लास ही है लेकिन दुकानदार को full ग्लास cold drink का ही पैसा देना पड़ेगा। इसका मतलब ग्लास के ऊपरी हिस्से वाली झाग का पैसा बेकार (waste) होगी।
झाग वाली उदाहरण जैसा ही यदि power factor की मान खराब है तो power system के लिए जो पैसा खर्च होती है उनमें से कुछ व्यर्थ (waste) हो जाती है । हमलेगो को जितना पावर मिलना चाहिए real मे उतना नहीं मिल पाता है। इसका मतलब पावर सिस्टम की efficiency घटेगी।
पावर फैक्टर निकालने का फार्मूला
हमलोग जानते है AC line के लिए
Power = VI cosɸ
अभी सामी. 1द्वारा
Power = VI Power factor
( चूंकि power factor=cosɸ )
इसलिए,
Power factor = Power/VI
Power factor = kW / kVA
Power factor= Active Power / Apparent Power
पावर फैक्टर(Power factor )= Active Power(kW) / Apparent Power (kVA) = cosɸ
जहां angle ɸ voltage और current का phase difference है।
{चूंकि Active Power या real power को Watt या kW मे मापा जाता है जबकि apparent power को volt-ampere( VA ) या kVA मे मापा जाता है }
Power factor कितना होना चाहिए ?
वैसे तो यूनिटी power factor सबसे अच्छा पावर फैक्टर माना जाता है एवं जिसका मान 1 होती है लेकिन 0.9999 पावर फैक्टर भी अच्छी होती है क्यूंकि यह 1 के बहुत ही करीब है।
(Power factor) पावर फैक्टर कितने प्रकार के होते हैं?
Lagging Power Factor in hindi
जब current voltage के पीछे होता है तो इसे Lagging Power Factor कहा जाता है। यह अवस्था inductive load मे देखने को मिलता है जैसे – मोटर, ट्रांसफार्मर,coil वाली उपकरण इत्यादि में।
इस प्रकार की power factor को अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए इसे सुधारने की जरूरत होती है।
Leading Power Factor in hindi
जब current voltage के आगे होता है तो इसे leading Power Factor कहा जाता है। यह अवस्था capacitive load मे देखने को मिलता है जैसे – कैपेसिटर इत्यादि।
यूनिटी पावर फैक्टर Unity power factor in hindi
Unity power factor मे current और voltage एक समान phase मे होती है। अर्थात current और voltage मे phase difference नही होता है और यह अवस्था अधिकतर resistive load मे देखा जा सकता है।
इस प्रकार की power factor को सबसे अच्छा माना जाता है जिसे unity power factor कहा जाता है एवं जिसका मान 1 होता है।
पावर फैक्टर का अधिकतम मान कितना होता है?
पावर फैक्टर का अधिकतम मान 1 होता है जिसे unity power factor भी कहा जाता है और यदि हमारा पावर फैक्टर का मान 1 आता है तो यह सबसे अच्छा माना जाता है।
खराब power factor से होने वाली हानियां
Power factor low या खराब होने से current high होती है जिसके कारण large copper losses की मात्रा बढ़ती है जो एक खराब power सिस्टम कहा जा सकता है ।
Low power factor के कारण इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम की efficiency low होती है।
जैसा की उपर हमने देखा खराब power factor से current high होती है जबकि ट्रांसफार्मर के input और out put पावर constant होती है इसलिए यदि current high होगी तो voltage drop हो जायेगी लेकिन हमारे घरों में आने वाली पावर वही रहेगी इसलिए बिजली के लिए पैसा हमको उतना ही देना पड़ेगा और साथ ही बिजली विभाग के तरफ से low power factor का हमलोगों को पेनल्टी fee भी देना पड़ता है। वास्तव में हम उस आने वाली पावर का कुछ भाग ही उपयोग कर पाते है जबकि पैसा full देना पड़ेगा इसलिए हमे low power factor को सुधारकर unity power factor बनाना चाहिए जिससे हम पूर्ण पावर का उपयोग कर पाए जितना हम बिजली के लिए पैसा देते हैं।
लो पावर फैक्टर को कैसे सुधरे
Low power factor को सुधारने का दो तरीका है ।
- Capacitor bank लगाकर पावर फैक्टर को सुधारा जा सकता है ।
- Synchronous Condenser लगाकर पावर फैक्टर को सुधारा जा सकता है।
FAQ’s Power factor से संबंध
पावर फैक्टर क्यूं महत्वपूर्ण है?
power factor महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि पावर फैक्टर से ही हम यह जान सकते हैं की हमारी पावर मैनेजमेंट सिस्टम अच्छा है या खराब है। अगर पावर मैनेजमेंट सिस्टम खराब है तो इसे हमे सुधारने की जरूरत होती है।
पावर फैक्टर कितने प्रकार के होते हैं?
power factor तीन प्रकार की होती है – लैगिंग पावर फैक्टर, लीडिंग पावर फैक्टर, यूनिटी पावर फैक्टर।
पावर फैक्टर का अधिकतम मान कितना होता है?
पावर फैक्टर का अधिकतम मान 1 होता है जिसे यूनिटी पावर फैक्टर भी कहा जाता है और यह सबसे अच्छा पावर फैक्टर माना जाता है।
पावर फैक्टर का फार्मूला क्या है?
पावर फैक्टर का फार्मूला Power factor= Active Power / Apparent Power
पॉवर फॅक्टर कि पुरी जानकारी एकदम आसान भाषा मे और पुरे डिटेल्स में समजाया है | फॉर्मुला तथा ग्राफ (वेव्ह /ड्राइगं )के कारण समजने के लिए और आसान हो गया है इसलिये सच्चे दिल से शुक्रिया, धन्यवाद.
Thank you so much