ओम का नियम से संबंधित Basic एवं महत्वपूर्ण topic को सरल शब्दों में समझे

ओम का नियम से जुड़ी हर बुनियादी बातों जैसे उनकी परिभाषा,ओम के नियम का उपयोग,Ohm ka niyam की खोज ,ओमिय प्रतिरोध,अनओमिय प्रतिरोध, Ohm ka niyamकिस पर लागू होती है, ओम के नियम किस पर लागू नहीं होती है आदि सभी का वर्णन विस्तारपूर्वक किया गया है।

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आइए बहुत ही आसान शब्दों में ओम का नियम को जानने की कोशिश करेंगे

ओम का नियम विद्युत धारा और विभवांतर में संबंध को दर्शाता है।
ओम के नियम एक महत्त्वपूर्ण नियम है जो धातु चालक और कुछ शर्तो पर लागू होती है और इस नियम की कुछ निश्चित सीमाएं होती है। इस निश्चित सीमाओ के अंदर ही ओम के नियम कार्य करती है।

ओम का नियम को समझने से पहले जाने ओम का नियम की खोज कब हुई थी ?

Ohm ka niyam की खोज वर्ष 1827 में जॉर्ज साइमन ओम के द्वारा किया गया था। जॉर्ज साइमन ओम ने विद्युत धारा और विभवांतर के बीच के संबंध की नियम को प्रतिपादित किया और इसका नाम इस नियम के खोजकर्ता वैज्ञानिक जॉर्ज साइमन ओम के नाम पर रखा गया जिसे ओम के नियम से जाना जाता है।

क्या आपको पता है ओम का पूरा नाम चलिए जानते हैं

ओम का पूरा नाम जॉर्ज साइमन ओम है।

वास्तव में ओम का नियम क्या है कभी आपने सोचा है अब चलिए देखते हैं।

ओम के नियम किसी धातु में प्रवाहित विद्युत धारा और विभवांतर के बीच संबंध को बताता है। अर्थात om का नियम धातु में current और voltage के बीच संबंध बताता है। ओम के नियम द्वारा हम वोल्टेज, करेंट और प्रतिरोध में से किन्ही दो का मान अगर दिया हो तो हम तीसरा का मान आसानी से निकाल सकते हैं।

ओम का नियम V=IR होता है
जहां,
V= वोल्टेज
I=करेंट
R=प्रतिरोध

किसी भी exam मे लिखने योग्य ओम का नियम की परिभाषा

यदि किसी ओमीय प्रतिरोध चालक में ताप और दाब जैसे भौतिक अवस्थायें नियत रखी जाए तो इन चालको के सिरों के बीच विभवांतर उसमे प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।

अर्थात,
V ∝ I
Or, V= IR जहां R Constant है
और इसे प्रतिरोध कहा
जाता है।
Or, R=V/I = Constant
वोल्टेज और करेंट एक समान अनुपात में बढ़ेगी या घटेगी क्यूंकि R प्रतिरोध Constant है।

Om का नियम जानने के बाद अब हम देखेंगे ओम का नियम लागू होने की अनिवार्यता क्या है ?

किसी भी ओमीय प्रतिरोध चालक परिपथ में वोल्टेज , करेंट और प्रतिरोध का मान को निकालने के लिए हमलोग ओम के नियम का उपयोग करते हैं । इसके अलावा इलेक्ट्रोनिक्स सर्किट में DC वोल्टेज और करेंट को सर्किट में लगी डिवाइस के अनुसार नियंत्रित करने के लिए ओम के नियम का बहुतायत में उपयोग होता है।

यदि करेंट और प्रतिरोध का मान दिया हो तो परिपथ में वोल्टेज का मान को निकालने के लिए उपयोग करते हैं एवं इनकी सूत्र
V= IR

यदि वोल्टेज और करेंट का मान दिया है तो प्रतिरोध के मान को निकालने के लिए उपयोग करते हैं एवं इनकी सूत्र
R=V/I

यदि वोल्टेज और प्रतिरोध का मान दिया है तो परिपथ करेंट के मान को निकालने के लिए उपयोग करते हैं एवं इनकी सूत्र
I=V/R

क्या हम ओम का नियम की सत्यापन कर सकते हैं कैसे आइए देखें

ओम के नियम का सत्यापन करने के लिए हम 4 सेल 2 volt का लेंगे ,एक स्थिर प्रतिरोध लेंगे, एक एम्मीटर करेंट मापने के लिए और एक वोल्टमीटर वोल्टेज मापने के लिए लेंगे।

अब एम्मीटर और प्रतिरोध को तार द्वारा series कनेक्शन करेंगे , वोल्टमिटर को प्रतिरोध के साथ parallel कनेक्शन करेंगे और तार के दोनो सिरा को सेल से जोड़ने के लिए खुला छोड़ देंगे।

Step 1

अब एक सेल को खुली तार के दोनो सीरो के साथ जोड़ देंगे इसके बाद एम्मीटर और वोल्टमीट का reading लेते हैं और उसको नोट करेंगे।

नोट 1– V= 2 & I=1
R=V/I=2

Step 2

अब दो सेल को series कनेक्शन करके तार के साथ जोड़ेंगे और इसका एम्मीटर,वोल्टमीटर रीडिंग लेकर इसे भी नोट करेंगे।

नोट 2– V=4 & I=2
R=V/I=2

Step 3

अब तीन सेल को series कनेक्शन करके एम्मीटर, वोल्टमीटर रीडिंग लेकर इसे नोट करेंगे

नोट 3– V=6 & I=3
R=V/I=2

Step 4

अब चार सेल को series कनेक्शन करके इसका भी एम्मीटर,वोल्टमीटर रीडिंग लेकर नोट करेंगे।

नोट 4 – V=8 & I=4
R=V/I=2

अब, नोट 1,2,3,4 मे R=2 constant है और विभवांतर या वोल्टेज विद्युत धारा के समानुपात में है । अत: नोट 1,2,3,4 से यह स्त्यापित हो जाता है।
अर्थात,
V ∝ I
Or, V=IR जहां R constant है
Or, R=V/I=constant

एक ओम प्रतिरोध से क्या समझते हो हर exam में पूछे जाने वाले सवाल है & समझना भी जरूरी है ।

यदि किसी चालक के सिरो के बीच 1 वोल्ट के विभवांतर से उस चालक में केवल 1 ऐम्पीयर का विद्युत धारा प्रवाहित होती हो तो उसे एक ओम प्रतिरोध कहा जाता है।

ओमिय प्रतिरोध क्या है ये भी जानना अति आवश्यक है & परीक्षा में भी पूछा जाता है।

ओमिय प्रतिरोध वो होती है जो पदार्थ की प्रतिरोध ओम के नियम का पालन करती है उसे ओमिय प्रतिरोध कहते हैं।

ओमिय प्रतिरोध का उल्टा अनओमिय प्रतिरोध क्या है

वैसे पदार्थ के प्रतिरोध जो ओम के नियम का पालन नहीं करती है उसे अनओमिय प्रतिरोध कहा जाता है।

क्या ओम का नियम सभी जगह पर लागू होता है शायद नही तो देखे किस पर लागू होती है।

  1. ओम का नियम DC सप्लाई में लागू होती है।
  2. ओम का नियम AC supply मे कुछ उपकरण पर ही लागू होती है।
  3. ओम का नियम रैखिक उपकरण में लागू होता है।
  4. ओम का नियम चालको पर लागू होता है यदि भौतिक परिस्थिति नियत रखी जाए जैसे ताप , दाब आदि।

ओम का नियम को हम सभी जगह पर उपयोग नहीं कर सकते उनकी कुछ निश्चित सीमाएं होती है

ओम के नियम की सीमाएं वो होती है जिसपर ओम के नियम लागू नहीं होती है।

ओम का नियम को हम कहां कहां लागू नहीं कर सकते है आइए देखें ?

  1. अर्द्धचालक (Semiconductor) मे ओम का नियम काम नही करती है।
  2. Electrolytes मे ओम का नियम लागू नहीं होती है।
  3. Vacuume tubeb मे ओम नियम काम नही करती है।
  4. Metal rectifier मे ओम नियम लागू नहीं होती है
  5. Crystal detector मे ओम का नियम लागू नहीं होती है।
  6. Arc lamp मे ओम का नियम काम नही करती है।
  7. डायोड में भी ओम नियम काम नही करती है।
  8. ट्रांजिस्टर में ओम नियम लागू नहीं होती है।
  9. अरेखीय अवयव में भी ओम का नियम काम नही करती है।

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