बिजली हमारे घर तक कैसे पहुंचती है |Generation transmission and distribution in hindi

Generation transmission and distribution in hindi , हमारे घरों में बिजली 3 चरणों से गुजरने के बाद पहुंचती है। 3 चरण निम्न हैं – जनरेशन ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन,distribution line in hindi, transmission and distribution of electrical power in hindi, इस आर्टिकल में इन 3 चरणों के विषय की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।

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बिजली हमारे घर तक कैसे पहुंचती है ?

बिजली (electricity) हमारे घर तक पहुंचने के लिए काफी लंबी दूरी तय करती है और बहुत सारी चरणों से गुजरने के बाद आती है।

बिजली हमारे घर तक मुख्य रूप से तीन चरणों से गुजरने के बाद पहुंचती है। ये चरण है– Generation , transmission & distribution है।

Generation – बिजली उत्पादन एक अद्भुत (Wonderful) प्रक्रिया है। बिजली संयंत्र ( power plant) में, पानी, कोयला, या गैस जैसे ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके 11 किलोवोल्ट (KV) बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस 11 KV बिजली को स्टेप-अप ट्रांसफार्मर द्वारा 400 KV या उससे भी अधिक उच्च वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है। यह उच्च वोल्टेज विद्युत ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से दूर-दराज के स्थानों तक भेजी जाती है।

Transmission – ट्रांसमिशन लाइन एक शक्तिशाली तंत्र (powerful system) है जो बिजली को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सक्षम है। यह लंबे, मजबूत तार होते हैं जो 400 KV या उससे भी अधिक उच्च वोल्टेज बिजली को ले जा सकते हैं। ट्रांसमिशन लाइन द्वारा उच्च वोल्टेज बिजली को कम नुकसान के साथ लंबी दूरी तक स्थानांतरित किया जा सकता है।

ट्रांसमिशन लाइन बिजली को एक राज्य के बिजली ग्रिड से दूसरे राज्य के बिजली ग्रिड तक ले जाती हैं। यह बिजली को राष्ट्रीय बिजली ग्रिड में भी ले जाती है, जो एक व्यापक प्रणाली है जो पूरे देश को बिजली प्रदान करती है।

Distribution – बिजली हमारे घरों तक पहुँचने के लिए एक जटिल प्रक्रिया (complex process) से गुजरती है। इस प्रक्रिया का अंतिम चरण वितरण लाइन (Distribution line) है। वितरण लाइन बिजली को हमारे घरों के ट्रांसफार्मर तक पहुँचाती है।

वितरण लाइन ट्रांसमिशन लाइन की तुलना में कम वोल्टेज बिजली को ले जा सकती हैं। यह इसलिए है क्योंकि वितरण लाइन बिजली को केवल छोटे क्षेत्रों एवं घरों तक ले जाती है। वितरण लाइन 66 KV, 33 KV से शुरू होकर 11 KV, 440 वोल्टेज तक होती है।

बिजली वितरण कंपनियां वितरण लाइन (Distribution line) का संचालन ( Operation) करती हैं। ये कंपनियां बिजली को ग्राहकों के घरों, व्यवसायों, और उद्योगों तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं।

बिजली कैसे बनती है या Power Generation in hindi

हमारे घरों में आने वाली बिजली का निर्माण एक पावर प्लांट में होता है। पावर प्लांट एक विशाल और शक्तिशाली संरचना है। पावर प्लांट एक ऐसा स्थान है जहाँ यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

पावर प्लांट मे बिजली उत्पादन के लिए विभिन्न प्रकार के ऊर्जा स्रोतों का उपयोग होता हैं। इनमें मुख्यत: कोयला, जल, और पवन शामिल हैं।

पावर प्लांट के अंदर, बिजली जनरेटर होते हैं। ये जनरेटर जल के गातिज ऊर्जा या कोयले के भाप द्वारा चलाए जाते हैं। भाप को बनाने के लिए, पानी को एक बॉयलर में गर्म किया जाता है। बॉयलर को कोयले, गैस, या तेल जैसे ईंधन से गर्म किया जाता है। जब पानी गर्म होता है, तो यह भाप में बदल जाता है फिर यह उच्च दबाव भाप को टर्बाइन में भेजा जाता है उच्च दबाव ( high pressure) के कारण टर्बाइन घूमता है और यह जनरेटर को चलाता है जिससे जनरेटर बिजली उत्पन्न करता है।

पावर प्लांट में जहां से बिजली उत्पन्न किया जाता है वहां एक विशालकाय generator होता है।

बिजली उत्पादन क्षेत्र

आखिर generator क्या होता है संक्षेप में समझे


जेनरेटर यांत्रिक ऊर्जा ( mechanical energy) को विद्युत ऊर्जा ( electrical energy) में बदलने का काम करता है। जनरेटर एक ऐसा मशीन है जिसके अंदर चुंबकीय क्षेत्र ( magnetic field) मे तार की कुंडल ( coil) को घूमाया जाता है तो तार की कुंडल ( coil) मे बिजली उत्पन्न होती हैं। तार की कुंडल ( coil) एक साफ्ट से जुड़ी होती है जो आगे टरबाइन से जुड़ी होती है।

बिजली पैदा करने के लिए, एक जेनरेटर को यांत्रिक ऊर्जा ( mechanical energy) आवश्यकता होती है। यह यांत्रिक ऊर्जा ( mechanical energy) विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की जा सकती है, जैसे कि नदी का पानी, कोयला, या गैस।

जैसे हाइड्रो पावर प्लांट में, नदी के पानी का उपयोग यांत्रिक ऊर्जा ( mechanical energy) प्रदान करने के लिए किया जाता है।

थर्मल पावर प्लांट में, यांत्रिक ऊर्जा (mechanical energy) का उपयोग जनरेटर के टरबाइन को घुमाने के लिए किया जाता है। यह यांत्रिक ऊर्जा उच्च दबाव वाली भाप से प्राप्त होती है।

Terbine क्या है इसे भी short में समझे

एक टर्बाइन एक ऐसा उपकरण है जो पानी, भाप या हवा की गतिज ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।टर्बाइन में एक या एक से अधिक ब्लेड होते हैं जो पानी या भाप के प्रवाह से टकराते हैं जिससे ब्लेड घूमने लगती है ब्लेडों के घूमने से टर्बाइन शाफ्ट घूमती है, जो यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न करती है।

इस प्रकार प्राप्त यांत्रिक ऊर्जा द्वारा जब जनरेटर को घूमाया जाए तो बिजली उत्पन्न होती हैं।

पावर प्लांट से लेकर पावर ग्रिड तक बिजली का स्थानांतरण

पॉवर प्लांट में उत्पन्न बिजली की वोल्टेज बहुत कम होती है, लगभग 11,000 V से 33,000 V। यह वोल्टेज बहुत कम है, इसलिए इसे लंबी दूरी तक ले जाने के लिए इसे बढ़ाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है। ट्रांसफार्मर एक उपकरण है जो बिजली की वोल्टेज को बढ़ा या घटा सकता है।पॉवर प्लांट में, ट्रांसफार्मर का उपयोग बिजली की वोल्टेज को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे इसे ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से ग्राहकों तक ले जाया जा सके ।

पॉवर प्लांट में उपयोग किए जाने वाले स्टेप-अप ट्रांसफार्मर बहुत बड़े होते हैं, और जिसमे delta-delta कनेक्शन होती हैं। Delta-delta कनेक्शन एक प्रकार का ट्रांसफार्मर कनेक्शन है जिसमें ट्रांसफार्मर के आउटपुट पर तीन तार होते हैं। इन तारों को R, Y, और B कहा जाता है। इसमे न्यूट्रल नही होती हैं।

पावर सबस्टेशन में step-up ट्रांसफार्मर का उपयोग निम्न वोल्टेज (जैसे 11 KV) को उच्च वोल्टेज (जैसे 400 KV ) से भी अधिक में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इसके बाद, यह उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से दुसरे राज्य के पॉवर ग्रिड तक पहुंचाया जाता है।

कई पावर प्लांट से पावर को उत्पादित कर राज्य के पावर ग्रिड से जोड़ा जाता है।

Power grid क्या है?

हमारे देश में बिजली का उत्पादन कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। कोयला, जल, और पवन बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख स्रोत हैं।

इन सभी विभिन्न प्रकार के बिजली उत्पादन संयंत्रों को एक साथ एक प्रणाली में जोड़ा जाता है जिसे पावर ग्रिड कहा जाता है। पावर ग्रिड एक जटिल नेटवर्क है। पावर ग्रिड एक ऐसी प्रणाली है जो बिजली उत्पादन, संचरण, और वितरण को नियंत्रित करती है एवं यह सुनिश्चित करता है कि बिजली का उत्पादन मांग के अनुरूप हो जिससे हमारे घरों, व्यवसायों, और उद्योगों को हमेशा बिजली की आपूर्ति मिलती रहे।

राज्य के सभी बिजली संयंत्रों द्वारा उत्पादित बिजली को एक साथ जोड़कर राज्य के विद्युत ग्रिड का निर्माण किया जाता है। इसी तरह, सभी राज्यों के विद्युत ग्रिड को जोड़कर क्षेत्रीय या राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड का निर्माण किया जाता है। फिर इन ग्रिड के ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से, उच्च वोल्टेज बिजली को सबस्टेशन तक पहुंचाई जाती है। सबस्टेशन में, बिजली की वोल्टेज को कम कर दिया जाता है ताकि इसे घरों और व्यवसायों में इस्तेमाल किया जा सके।

substation क्या है important इंटरव्यू सवाल

Substation का मुख्य: 3 काम होता है –

  1. Voltage को step up या step down अर्थात वोल्टेज को बढ़ाने और घटाने के लिए किया जाता है और वोल्टेज को बढ़ाने, घटाने काम ट्रांसफार्मर द्वारा किया जाता है।
  2. Metering – यह मुख्य रूप से पावर को measure करने के लिए किया जाता है। जैसे पावर loss इत्यादि।
  • 3 Balancing- transmission लाइन बहुत सारे पावर प्लांट से जुड़ी हुई रहती है और यदि किसी कारणवश एक power प्लांट में कुछ खराबी के कारण बिजली उत्पादन बंद हो जाती है तो बिजली की सप्लाई भी कम हो जाती है इस कमी हुई बिजली को balancing करके बिजली की सप्लाई केवल वहां दिया जाता है जहां बिजली की आवश्यकता बहुत ही महत्वपूर्ण हो ।

Substation के प्रकार जो जानना जरूरी है

1.Generation substation या power substation क्या है और कहां होती है ?

generation substation पावर प्लांट में ही होती है जो पावर प्लांट में उत्पादन 11,000 voltage को 33,000 voltage, 400 KV या उससे भी अधिक वोल्टेज में ट्रांसफार्मर द्वारा परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

2.Transmission substation क्या है एवं इसकी उपयोग

Transmission substation हाई वोल्टेज पावर को step up, step down,metering और balancing के लिए किया जाता है।

3.Distribution substation क्या है एवं इसकी उपयोग कहां होती है?

Distribution substation मे step down ट्रांसफॉर्मर होती है जो वोल्टेज को हाई वोल्टेज से low voltage(11,000 voltage) मे परिवर्तीत किया जाता है।

distribution substation हमारे घरों के नजदीक में होती है जहां से 11000 वोल्टेज का सप्लाई मिलता है।

Transmission लाइन क्या है एवं इसके उपयोग को जाने

पावर transmission लाइन का उपयोग उत्पादित बिजली को पावर प्लांट के जेनरेशन substation से लेकर power grid और फिर power grid से लेकर substation तक बहुत ही हाई voltage बिजली को पहुंचाया जाता है ।

इस substation के बाद power को बिजली वितरण कंपनियों को दिया जाता है जिसे Distribution लाइन कहा जाता है।

Transmission लाइन में पावर को ट्रांसफर करने के लिए बहुत ही हाई वोल्टेज का उपयोग होता है।ट्रांसमिशन लाइन में हाई वोल्टेज उपयोग करने के बहुत सारे फायदे होते है। जैसे वोल्टेज ड्रॉप, low power loss,ट्रांसमिशन तार की कीमत में कमी ।

वोल्टेज ड्रॉप

पावर को यदि एक स्थान से दूसरे स्थान तक एक लंबी दूरी तक ले जाया जाता है तो तार की resistance के कारण वोल्टेज ड्रॉप होती है तो वोल्टेज ड्रॉप होने के बावजूद भी हमे अपनी जरूरत के अनुसार वोल्टेज मिल सके इसलिए ही हाई वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।

Power loss मे कमी

वोल्टेज,करेंट और प्रतिरोध के निमानुसार अगर वोल्टेज को बढ़ाया जाए तो करेंट बहुत ही कम हो जाती है और यदि करेंट कम होती है तो तार में पावर loss भी कम होती है।

ट्रांसमिशन तार की कीमत में कमी

नियमानुसार जैसा की हम जानते है वोल्टेज बड़ाने पर करेंट कम होती है और यदि करेंट कम होती है तो resistance बढ़ती है इसलिए जब resistance बढ़ती है तो तार की क्रॉस सेक्शन area कम होती है यानी तार की मोटाई कम होती है जिससे तार की मोटाई कम होने से उसकी कीमत में भी कमी होती है।

transmission line के प्रकारों को आइए विस्तार से देखे

1.DC transmission line क्या होता है आइए देखें

AC Power का ट्रांसफर करने के लिए DC transmission line को भी उपयोग में लिया जाता है।

DC transmission लाइन में सबसे पहले पावर प्लांट के जेनरेशन substation से आने वाले AC करेंट को थायरिस्टर् से बनी 3 फेज full bridge rectifier द्वारा DC करेंट में बदल कर पावर को आगे transmission लाइन में ट्रांसमिट किया जा है। इसलिए इसे DC transmission लाइन कहा जाता है।

Transmission लाइन जहां खत्म होती है वहां फिर से DC पावर को AC power मे बदलने के लिए कन्वर्टर का उपयोग में लिया जाता है।

DC transmission line का AC transmission लाइन की तुलना में बहुत सारे फायदे है फिर भी DC transmission लाइन का उपयोग बहुत ही कम होता है क्यूंकि DC transmission line मे ट्रांसफार्मर का उपयोग नहीं किया जा सकता है क्यूंकि DC लाइन में ट्रांसफार्मर काम नहीं करती ट्रांसफार्मर केवल AC लाइन में ही काम करती है।

2 . AC transmission line क्या है

AC transmission लाइन का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है और इसका एक ही कारण है AC transmission लाइन में हम ट्रांसफार्मर का उपयोग करके पावर को हम अनिश्चित दूरी तक ले जा सकते है।

            Or

3.Short transmission line क्या है

Short transmission लाइन जैसा की नाम से पता चलता है की यह पावर को कम दूरी ले जाने के लिए होता है।
Short transmission लाइन की दूरी लगभग 0 से 80km तक की होती है और इसमें अधिकतम पावर 69000 volt की होती है।

4.Medium transmission line क्या है

Medium transmission लाइन में पावर को 80km से 240km की दूरी तक ही पावर को ट्रांसमिट किया जाता है और इसकी रेंज 69000 volt से 1,33,000 volt तक की होती है।

5.Long transmission line क्या है

जैसा की नाम से पता चलता है यह लंबी दूरी तक ले जाने के लिए होता है।
Long transmission लाइन 240 km से अधिक दूरी के लिए होता है एवं इसकी रेंज 1,33,000 volt से उपर होती है।

Distribution line kya hai & इनके उपयोग क्या है

Power Grid हाई वोल्टेज बिजली को transmission लाइन द्वारा substation मे पहुंचाने के बाद । इस substation द्वारा पावर को बिजली वितरण कंपनियों को दिया जता है जिसे distribution लाइन कहा जाता है और जैसा की नाम से पता चलता है यहां पावर को उपयोग के लिए distribute किया जाता है। Distribution substation ट्रांसमिशन लाइन से आने वाली हाई वोल्टेज पावर को step down किया जाता हैं। जैसे66KV या 33 kV पावर को 11 kV (11000 volt) पावर में परिवर्तित कर दिया जाता है।अर्थात distribution substation से consumer तक पावर को पहुंचाने का काम करती है।


Distribution पावर

Distribution line के प्रकारो को संक्षेप में देखे

  1. High voltage Distribution kya hota hai

यहां पावर को हाई वोल्टेज 33000volt से 66000 volt का डिस्ट्रीब्यूट कंपनियों में किया जाता है

  1. Low voltage Distribution kya hota hai

यहां पावर को 11,000 voltage में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है जो घर में उपयोग करने हेतु भेजा जाता है। हमारे घर के नजदीक में जो ट्रांसफार्मर लगी होती है उसमे प्राइमरी वाइंडिंग में 11000 volt इनपुट होती है और ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी वाइंडिंग से 440 volt आउटपुट निकलती है जो हमारे घरों में जाति है।

घर में सप्लाई होने वाला वोल्टेज कितना होता है?

घर में सप्लाई होने वाला सिंगल phase वोल्टेज 220 V और three Phase वोल्टेज 440 V का रहता है।

बिजली उत्पादन का स्टैंडर्ड वोल्टेज क्या है

Power house या जहां बिजली का उत्पादन होता है वहां का स्टैंडर्ड बिजली उत्पादन 11 kV होता है और इस 11 kV को step up transformer द्वारा 66 kV या 133 kV मे परिवर्तित कर transmit किया जाता है।

इंडिया की फ्रीक्वेंसी कितनी है?

इंडिया मे electricity की फ्रीक्वेंसी 50 Hz की होती है।

इलेक्ट्रिक लाइन का फेज कितने प्रकार के होते हैं?

इलेक्ट्रिक लाइन का फेज 3 प्रकार के होते है। ये तीन फेज निम्न हैं – R phase, Y phase & B phase

11kv सबस्टेशन क्या है?

11 kV सबस्टेशन एक distribution सबस्टेशन होता है जहां से बिजली का distribute उपयोग अनुसार किया जाता है

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