Drift velocity in hindi & relation with current आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन इस आर्टिकल मे किया गया है।
Drift velocity क्या है ? एवं इसकी आवश्यकता क्यूं है?
Drift velocity बहुत सारे free electron का औसत velocity होती है । Drift velocity बहुत सारे free इलेक्ट्रोनो का एक ही दिशा मे तय की जाने वाली velocity होती है जो वास्तव मे बहुत कम होती है लेकिन यह Drift velocity की कारणो से ही इलेक्ट्रिक करेंट उत्पन्न होती है। क्यूंकि आवेशो (charge) की गति को ही इलेक्ट्रिक करेंट कहा जाता है। Conductor में free electron ही charge होती है। अत: हम कह सकते हैं free electron की गति को ही इलेक्ट्रिक करेंट कहा जा सकता है। अत: इलेक्ट्रिक करेंट उत्पन्न का कारण केवल free electron की उस गति से होती है जिसे हम drift velocity कहते हैं।
वास्तव में thermal temperature या रूम की तापमान की वजह से कोई भी conductor की free electron किसी भी दिशा में टेढ़ा-मेढ़ा (zigzag) गति करती रहती है । लेकिन इससे इलेक्ट्रिक करेंट उत्पन्न नही होती है । इलेक्ट्रिक करेंट केवल drift velocity से ही उत्पन्न होती है और इस drift velocity को प्राप्त करने के लिए किसी conductor को voltage source से जोड़ना होता है।
अर्थात free इलेक्ट्रोनो का Drift velocity , इलेक्ट्रिक करेंट के साथ directly proportional होती है ।
इसलिए Drift velocity की आवश्यकता होती है।
Drift velocity को कैसे निकाले ?
जैसा कि नीचे डायग्राम में दिखाया गया है जब एक conductor को किसी voltage source से जोड़ा जाता है तब conductor के जिस सिरे को positive से जोड़ा गया है उस सिरे में positive हाई पोटेंशियल और दूसरी सिरे मे nagative low potential के कारण potential difference एवं इलेक्ट्रिक फील्ड बनता है। इस इलेक्ट्रिक फील्ड की दिशा ‘+’ से ‘-‘ की ओर होती है जिसके कारण से सभी इलेक्ट्रॉन पर इलेक्ट्रिक फील्ड की विपरीत दिशा में एक force लकती है।
परिणामस्वरूप सभी इलेक्ट्रोनों के द्वारा drift velocity बनती है। वैसे तो इलेक्ट्रॉन रूम की तापमान पर टेड़ा – मेड़ा (zigzag) गति करती रहती है पर इससे drift velocity नही बनती है । जब potential difference या इलेक्ट्रिक फील्ड के कारण सभी इलेक्ट्रोनों पर एक ही दिशा मे force लकती है जिसके फलस्वरूप सभी इलेक्ट्रॉन force की दिशा में धीरे धीरे करके आगे की ओर गति करती है इस तरह सभी इलेक्ट्रोनो का एक ही दिशा मे आगे की ओर औसत गति को ही drift velocity कहते हैं। आइए सबसे पहले drift velocity को निकलना सीखे ।
दिए गए डायग्राम और ग्राफ के अनुसार हमें सभी इलेक्ट्रोनो का V1=? , V2=? , V3=? … और Drift velocity=? निकालना है।
इसलिए माना कोई इलेक्ट्रॉन ‘O’ बिंदू पर टकराने के बाद O से A की दूरी तय करते हुए पुन: बिंदू ‘A’ पर टकराती है फिर A से B की ओर चली जाती है।
इलेक्ट्रॉन की दो टक्कर के बीच की दूरी तय करने वाली समय को Relaxation time कहा जाता है।
अत: O से A की दूरी का relaxation time = tau (τ1)
अब: O में initial velocity = 0
इसलिए A मे final velocity = u + at = 0 + a τ1=a τ1 [ यहां a= acceleration]
अब एक इलेक्ट्रॉन द्वारा दो टकराव के बीच की दूरी (Distance) = त्रिभुज OAB का क्षेत्रफल [ Volocity –time ग्राफ द्वारा]
इसलिए Distance = (1/2)× आधार × ऊंचाई= (1/2)τ1× a τ1
एक इलेक्ट्रॉन द्वारा दो टकराव के बीच की Time = τ1
इसलिए एक इलेक्ट्रॉन की Velocity (V1)= distance/time = {(1/2)τ1× a τ1}/τ1 = (1/2) a τ1
इसी प्रकार दूसरी इलेक्ट्रॉन की velocity (V2)= (1/2) a τ2
इसी प्रकार तीसरी इलेक्ट्रॉन की velocity (V3)= (1/2) a τ3
इसलिए बहुत सारे इलेक्ट्रोनो का avarage velocity= drift velocity= (V1+V2+V3…+ Vn)/n
Drift Velocity = {(1/2) a τ1 + (1/2) a τ2 + (1/2) a τ3 …+ (1/2) a τn }/n
Drift Velocity = {(1/2) a ( τ1 + τ2 + τ3 …+ τn)}/n
{ τ1 + τ2 + τ3 …+ τn}/n = average time = τ
इसलिए Drift Velocity (Vd) = (1/2) a τ
Drift velocity और Current के बीच का relation
इस डायग्राम के अनुसार Vd लंबाई वाली बेलन की आयतन (volume) =? , Vd लंबाई वाली बेलन मे उपस्थित Total free electron =? , Vd लंबाई वाली बेलन की टोटल charge= ? Electric current= Q/t =? आदि सभी को निकलना है।
चूंकि drift velocity= Vd m/s = 1 second मे Vd m की दूरी तय करती है। इसलिए Vd लंबाई वाली बेलन की (h)= Vd एवं बेलन की एक वृत्त का area=πr²= A
Vd लंबाई वाली बेलन की आयतन (volume) = πr²h = AVd
अब: 1 m³ volume मे उपस्थित free electron= n
इसलिए Vd लंबाई वाली बेलन मे उपस्थित total free electron= nAVd
अब: एक इलेक्ट्रॉन मे उपस्थित इलेक्ट्रिक Charge= e
इसलिए Vd लंबाई वाली बेलन मे उपस्थित total free इलेक्ट्रोनो की charge (Q)= enAVd
चूंकि total free इलेक्ट्रोनो की charge (Q) को Vd लंबाई तय करने में लगी समय = 1 second [ चूंकि Vd m/s ]
अब: इलेक्ट्रिक करेंट की सूत्र द्वारा (I) = Q/t
इसलिए electric current (I)= (enAVd )/1
Electric current (I)= enAVd
यहां Vd , drift velocity है जो उपर दिए गए eqation मे हमे बताता है की यदि drift velocity अधिक है तो electric current भी अधिक होगी। electric current और drift velocity के बीच का यही relation होता है। ऊपर की eqation में A को cross-sectional area की तरह मान सकते हैं इसलिए यदि cross section area बढ़ेगी तो free electron को प्रवेश करने के लिए अधिक स्थान प्राप्त होगी यानी अधिक charge होगी एवं charge की मात्रा पर electric current निर्भर करती है।
चूंकि I = enAVd
I/A = enVd = current per unit area = current density = j
चूंकि a = F/m , F = qE । चुंकि एक इलेक्ट्रॉन पर charge = e । इसलिए एक इलेक्ट्रॉन पर लगने वाले बल (Force)= eE
इसलिए प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर लगने वाले acceleration (a)= (एक इलेक्ट्रोन पर लगने वाले force F)/m = eE/m
एवं Drift Velocity (Vd) = (1/2) a τ = (1/2)τ(eE/m)
अब चूंकि। I/A = j = enVd =en(1/2)τ(eE/m)=(e²nτ E)/2m
इसलिए current density= I/A = j = (e²nτ E)/2m ={(e²nτ )/2m} { E}
j = σ E समीकरण (1) [ σ = conductivity ]
इसलिए j = (1/ρ) E समीकरण (2) [ ρ = Resistivity]
समीकरण 1और 2 से हमे पता चलता है कि 1 यूनिट area मे current की वैल्यू , इलेक्ट्रिक फील्ड (E) और Conductivity की बढ़ने से ही बढ़ती है। जबकि resistivity बढ़ने से current की वैल्यू घटेगी।
j = (1/ρ) E
j = (1/ρ) (V/L) समीकरण (3) [ E = V/L ]
जहां V = Potential difference & L = दो बिंदुओ के बीच की दूरी जिनके बीच potential difference बनी है।।
समीकरण (3) से हम ये कह सकते है की voltage या potential difference की बढ़ने से electric current भी बढ़ती है और लंबाई बढ़ने से current की वैल्यू घटेगी।