सरल भाषा में Coulomb का नियम एवं परिभाषा को समझे या स्थिर विद्युत का नियम आसान शब्दो में

आइए समझते हैं Coulomb का नियम की परिभाषा, Law of electrostatics जिसे स्थिर वैद्युत का नियम भी कहा जाता है,Coulomb ka niyam के उपयोग ,कूलॉम का नियम की सीमाएं ,

आइए coulomb का नियम को समझने की कोशिश करेंगे जिसे Law of electrostatics भी कहा जाता है

एक फ्रांसीसी कूलम्ब नमक वैज्ञानिक ने आवेशो के बीच लगने वाले स्थिर वैद्युत बल या electrostatics force का प्रतिपादित किया था इसे Law of electrostatics या स्थिर वैद्युत का नियम भी कहा जाता है। इस नियम की खोज कूलम्ब नमक वैज्ञानिक ने किया था इसलिए इसे कूलाम का नियम से भी जाना जाता है

coulomb का नियम जानना हमारे लिए जरूरी क्यूं है? Law of electrostatics का उपयोग कहां होता है ?

electrical and Electronics engineering की नजरिए से देखे तो Coulomb ka niyam बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि कूलॉम का नियम आवेशो के बीच लगने वाले बल एवं उनकी दिशा से संबंधित है अर्थात electric current , electric voltage, potential difference आदि सभी topic या विषय की आधार आवेशो या विद्युत आवेश से जुड़ी हुई है इसलिए आवेश से जुड़ी हुई कोई भी topic को हमलोग नजरंदाज नहीं कर सकते हैं।

परमाणु के नाभिक और इलेक्ट्रॉन के बीच लगने वाले बल की गणना करने के लिए coulomb ka niyam जानना महत्त्वपूर्ण है।

Coulomb ka niyam electrical and Electronics engineering मे capacitor device मे इनके काम के सिद्धांत को समझने के लिए यह नियम जानना बहुत जरूरी है।

Coulomb ka niyam Electromagnetism क्षेत्र में भी एक आधार का काम करता है । इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में Electromagnetism एक महत्त्वपूर्ण विषय है जो magnetic field और current carrying conductor के बीच संबंध समझने में मदद मिलती है।

इसका उपयोग इलेक्ट्रिक क्षेत्र (Electric field ) की गणना में अति उपयोगी नियम है। electrical engineering की बहुत ही महत्वपूर्ण topic है इसलिए इसे जानना बहुत जरूरी है।

Coulomb ka niyam superposition theorem मे उपयोग किया जाता है जो electrical engineering में बहुत जरूरी नियम है।

coulomb का नियम की परिभाषा को आसन शब्दो में समझे

दो बिंदु आवेशो के बीच लगने वाला स्थिर वैद्युत बल दोनो आवेशो के गुणनफल के समान अनुपात में होता है और उन दोनो आवेशो के दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

अर्थात दो आवेशो के बीच जो स्थिर वैद्युत बल लकता है वह दोनो आवेशों के गुणनफल के बराबर और दोनो आवेशाे के दूरी के वर्ग (r²) के विपरीत होता है

आइए coulomb के एक एक नियम को देखेंगे जिसे स्थिर विद्युत का नियम भी कहा जाता है एवं अंग्रेजी में low of electrostatics कहा जाता है

जानिए स्थिर वैद्युत का पहला नियम को

एकसमान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं और असमान आवेश एक दूसरे को आकर्षण करते हैं।

अभी स्थिर वैद्युत का दूसरा नियम को जानेंगे

दो आवेशो(Q1,Q2) के बीच बल (force) –
(1) दोनो आवेशो (Q1,Q2) के गुणनफल के समानुपाती होता है।

क्यूंकि, F ∝ Q1 & F ∝ Q2
इसलिए F ∝ Q1× Q2. —समी. 1

(2) इन आवेशो के दूरी के वर्ग (r²) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

       F ∝1/r²    —समी. 2

(3) इन आवेशो के आसपास के माध्यम की absolute permittivity (ε) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
F ∝1/ε

समीकरण 1, 2 और 3 से हम पाते हैं

       F ∝ (Q1× Q2)/εr² 
       F= k (Q1× Q2)/εr² 

जहां, k = constant value =
दोनो आवेशो के मध्य अवस्थित midium की प्रकृति पर निर्भर करती है ।

(ε) = absolute permittivity of the free space

आइए देखें electrostatics या स्थिर विद्युत का vector form को

अब हम Q1 और Q2 एक समान आवेश के बीच लगने वाले बल और दिशा की चर्चा करेंगे।

माना Q1 आवेश को Q2 आवेश द्वारा force लगाया जाता है तो हम इसे द्वारा प्रदर्शित करते हैं और यदि Q2 आवेश को Q1 आवेश द्वारा force लगाया जाता है तो हम इसे से प्रदर्शित करते है।

इसलिए, = k (Q1× Q2)/r²

= (1/4πε0) (Q1× Q2)/r² /r

= (1/4πε0) (Q1× Q2)/r³ . —समी.1

अब; = (1/4πε0) (Q1× Q2)/r³ .—समी.2

समीकरण 1 और 2 मे एक समान आवेश के बल का परिमाण (1/4πε0) (Q1× Q2)/r³ एकसमान है तथा उनकी दिशा और दोनो अलग अलग दिशा को प्रदर्शित कर रही है। इसलिए = – होगी क्यूंकि बल एक समान है जबकि दिशा विपरीत है।

अर्थात एक समान आवेश में विपरीत दिशा में एक समान परिमाण का बल लगेगी। Negative (–) चिन्ह हमे विपरीत दिशा बताती है।

Coulomb के नियम की सीमाएं इन सीमा के अंतर्गत ही नियम काम करती है

static electricity या स्थिर विद्युत आवेशो के लिए ही कूलॉम का नियम कार्य करती है। गतिशील विद्युत आवेश पर यह नियम कार्य नही करती है।

यह नियम स्थिर बिंदु आवेशो के बीच बहुत ही कम दूरी में ही कार्य करती हैं।

कूलॉम का नियम वहां कार्य करती है जहां प्रतिलोम वर्ग नियम का पालन किया जाता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि एक इलेक्ट्रॉन में कितने आवेश होती है ?

एक इलेक्ट्रॉन में पाए जाने वाले आवेश = 1.6× 10–19 C होता है अर्थात एक बहुत ही छोटी सी जिसे हम अपनी नंगी आंखों से नही देख सकते वैसी केवल एक इलेक्ट्रॉन में 1.6× 10–19 C आवेश होती है।

अभी देखेंगे की एक coulomb आवेश में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं ?

एक इलेक्ट्रॉन में 1.6× 10–19 C आवेश होता है

अर्थात 1 electron ( e ) = 1.6× 10–19 C आवेश समी. —1

इसलिए, 1.6× 10–19 C आवेश = 1 electron { समीकरण 1 को पलटने पर )

अब; 1 C आवेश = 1 /1.6× 10–19 electron

इसलिए , 1 C आवेश = 6.25 × 1018 electron

अत: 1C आवेश में 6.25 × 1018 electron होते हैं।

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