बल्ब कैसे जलती है, Incandescent lamp in hindi एवं उसकी कार्य सिद्धांत

इस आर्टिकल में Incandescent बल्ब कैसे जलती है एवं बल्ब की working principle या बल्ब कैसे कार्य करती है , बल्ब की संरचना (construction) एवं Incandescent बल्ब की advantage और disadvantage, Incandescent बल्ब application आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है।

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What is Incandescent lamp in hindi

तापदीप्त लैंप ( Incandescent lamp ) एक प्रकार की विद्युतीय प्रकाश देने वाली उपकरण है जिसमे तार की फिलामेंट को ही तब तक गर्म किया जाता है जब तक की प्रकाश उत्पन्न ना हो जाए।

फिलामेंट को एक कांच की ग्लास बल्ब के अंदर रखा जाता है जिसमे वैक्यूम और अक्रीय गैस भरी होती है ताकि ऑक्सीकरण ना हो ।

जब ग्लास बल्ब मे लगी टर्मिनल को विद्युत आपूर्ति करने पर फिलामेंट अत्यधिक गर्म होने पर प्रकाश देने लगती है। फिलामेंट को 2,500 degrees Celsius तक गर्म किया जाता है।

Incandescent बल्ब को विभिन्न आकार , वोल्टेज और विभिन्न पावर के आधार पर सभी तरह के छोटे बड़े application मे उपयोग करने योग्य बनाया जा सकता है। इस बल्ब को बनाने में बहुत ही कम खर्च आता है और इसको जलाने के लिए अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक सर्किट की जरूरत नही पड़ती है। ये डायरेक्ट लाइन की सप्लाई के साथ जोड़ने से जलती है। इस बल्ब की दक्षता (efficiency) कम होती है यानी Incandescent बल्ब ज्यादा पावर उपभोग करती (consume) करती है इसलिए आज के समय में हम दूसरी प्रकाश स्रोत की ओर जा रहे हैं जैसे LED बल्ब , CFL आदि

बल्ब कैसे जलती है या बल्ब कैसे कार्य करती है ?

जब बल्ब को विद्युत सप्लाई से जोड़ा जाता है, तब विद्युत धारा फिलामेंट से होकर प्रवाहित होती है तो यह फिलामेंट के इलेक्ट्रॉनों को उच्च गति से गतिमान करने की कोशिश करती है लेकिन फिलामेंट का प्रतिरोध बहुत ही अधिक होता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनों को उच्च गति करने में बाधा उत्पन्न होती है जिसके कारण इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा गर्मी ( heat) के रूप मे परिवर्तन हो जाती है । फिलामेंट के इस गर्मी (heat) का तापमान लगभग 2,500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

फिलामेंट का तापमान तब तक बढ़ता रहता है जब तक कि यह 2,500 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंच जाता है। इस तापमान पर, फिलामेंट के परमाणु उत्तेजित हो जाते हैं और अपनी अतिरिक्त ऊर्जा को भी फोटॉन के रूप में उत्सर्जित करते हैं। ये फोटॉन दृश्य प्रकाश के रूप में दिखाई देते हैं जिसे हम विद्युत बल्ब का प्रकाशित होना कहते हैं। यह विद्युत ऊर्जा का लगभग 10% प्रकाश में परिवर्तित करते हैं। शेष ऊर्जा गर्मी के रूप में नष्ट हो जाती है।

Light बल्ब की इतिहास जो काफी जिज्ञासा विषय है

जैसा की हम सब जानते है थॉमस एडीसन को बल्ब की आविष्कार का श्रेय दिया जाता है लेकिन थॉमस एडीसन के पहले भी 20 से भी ज्यादा आविष्कारक थे। लेकिन उन आविष्कारक द्वारा बनाया गया बल्ब में थोड़ी कमी थी जो व्यावसायिक रूप से प्रतिदिन उपयोग करने की दृष्टि से योग्य नहीं थी।

थॉमस एडीसन से सन् 1879 में पहली बार व्यावसायिक रूप से प्रतिदिन उपयोग में ला सकने वाली बल्ब को बनाया था।

थॉमस एडीसन के बाद भी बहुत सारे वैज्ञानिक आए और रोशनी देने वाले बल्बो में बहुत सारे सुधार एवं नई टेक्नोलॉजी वाली बल्बो का आविष्कार किया गया।

अगर सबसे पहले electric light की आविष्कार की बात की जाए तो सन् 1802 में Humphry Davy द्वारा Arc lamp बनाया गया था।

इस आर्टिकल में बल्ब की मुख्यत: 5 प्रकारों की चर्चा करेंगे जो ज्यादा प्रचलित है।

Incandescent बल्ब की संरचना (construction) आखिर इस बल्ब की बनावट होती कैसे है?

Incandescent बल्ब की संरचना को हम दो भागो में बाटेंगे पहला उनकी बाहरी बनावट(External constru) और दूसरी बल्ब की आंतरिक संरचना (internal construction)

आइए देखें बल्ब की बाहरी बनावट (external construction)

बल्ब की बाहरी सतह गोलीय कांच से बनी होती है जिसे glass bulb कहा जाता है और glass bulb की निचली भाग एल्यूमीनियम cap से बंद रहती है। एल्यूमीनियम cap या में दो इलेक्ट्रिकल contact wire या इलेक्ट्रिकल foot contact रहती है जो इलेक्ट्रिक लाइन से फेज और न्यूट्रल तार से संपर्क करने के लिए होती है।

अब बल्ब की भीतरी बनावट (internal construction) को देखेंगे एवं समझने की कोशिश करेंगे।

गोलीय कांच के भीतर कम दबाव अक्रिय गैस(आर्गन 85%) होती है। गोलीय कांच के भीतर टंगस्टन मेटल का फिलामेंट लगा रहता है और फिलामेंट का दोनो सिरा इलेक्ट्रिक contact तार से जुड़ी रहती है फिलामेंट में ओर दो supporting तार भी होती है जो फिलामेंट के बीच में होती है। इलेक्ट्रिक contact तार और supporting तार दोनो support glass द्वारा सहारा दिया जाता है ताकि वो फिलामेंट के साथ स्थिर खड़ा रह सके।

Incandescent बल्ब के फिलामेंट का डिटेल वर्णन को जानने की try करेंगे

Incandescent बल्ब मे फिलामेंट एक महत्त्वपूर्ण भाग है । इस बल्ब की जीवन काल भी फिलामेंट पर ही निर्भर करती है । फिलामेंट में केवल टंगस्टन को ही उपयोग में लिया जाता है ऐसा नही है । Incandescent बल्ब के फिलामेंट में टंगस्टन के अलावा कार्बन , tantalum, osmium को भी उपयोग में लिया जाता है।

इस बल्ब के फिलामेंट में उपयोग होने वाले मटेरियल को इन विशेषता के आधार पर चयन किया जाता है

  • हाई प्रतिरोधकता वाली मटेरियल होनी चाहिए
  • हाई melting point वाली मटेरियल होनी चाहिए
  • ऑक्सीडेशन रहित मटेरियल होनी चाहिए
  • अत्याधिक लचीलापन होना चाहिए ताकि बहुत ही पतले तार के रूप में परिवर्तित किया जा सकते
  • कम तापीय गुणांक मटेरियल होनी चाहिए
  • और बहुत कम वाष्पीय दबाव होना चाहिए

फिलामेंट में उपयोग होने वाले टंगस्टन मैटेरियल की विशेषता

  • टंगस्टन मैटेरियल की प्रतिरोधोकता 5.6 ohm है ।
  • टंगस्टन मैटेरियल की तापीय गुणांक 0.005 / oC होती है।
  • टंगस्टन मैटेरियल की बॉयलिंग प्वाइंट 5900 oC
  • टंगस्टन मैटेरियल की मेल्टिंग प्वाइंट 3400 oC

फिलामेंट एक बहुत ही पतला तार होती है जो टंगस्टन मेटल का बना होता है और जब इसमें से इलेक्ट्रिक करेंट को flow किया जाता है तब उनकी हाई प्रतिरोध के कारण फिलामेंट गर्म हो जाति है और जलने लकती है। फिलामेंट का प्रतिरोधकता 5.6 ओम और उसकी melting point 3400 डिग्री सेल्सियस होती है।

Incandescent बल्ब की Contact wire की कार्य क्या है अच्छी तरह समझ ले

यह इलेक्ट्रिक चालक है जो पावर सप्लाई से आने वाली इलेक्ट्रिक करेंट को फेज और न्यूटरल तार द्वारा फिलामेंट तक पहुंचाने का काम करता है।

Incandescent बल्ब की अक्रिय गैस का क्या काम है आइए जाने

गोलीय बंद कांच के अंदर आर्गन 85% और नाइट्रोजन गैस होती है जो ऑक्सीजन को निष्क्रिय करने के लिए होती जैसे हम सभी को पता है हमारे चारो ओर ऑक्सीजन होती है और ऑक्सीजन किसी भी चीज को जलने में मदद करती है इसलिए अक्रिय गैस कांच बल्ब के अंदर वाली area में ऑक्सीजन का एक प्रतिरोध आवरण बनाती है ताकि फिलामेंट सुरक्षित बना रहे और यह फिलामेंट को वाष्पीकरण से भी बचाता है।अक्रिय गैस फिलामेंट को ऑक्सीडेशन से बचाता है।

Incandescent बल्ब के Support wire क्या काम करती हैं ?

Support wire का काम फिलामेंट को स्थिर रूप मे खड़ा करके रखना

Incandescent बल्ब का Advantage

Incandescent बल्ब बहुत ही सस्ती कीमत में उपल्ब्ध है।

यह अत्यधिक हाई लाईट उत्पन्न करती है।

यह application के आधार पर विभिन्न प्रकार की रूप और आकार में उपलब्ध है।

यह बल्ब गर्माहट पैदा करती है इसलिए यह ठंडी जगह के लिए अच्छा है।

Incandescent बल्ब का disadvantage

इसकी दक्षता (efficiency) बहुत कम होती है । अर्थात इसमें ऊर्जा अधिक loss होती है। यह विद्युत ऊर्जा का लगभग 10% प्रकाश में परिवर्तित करते हैं। शेष ऊर्जा गर्मी के रूप में खो जाती है।

इसका जीवन काल ( life time ) बहुत कम है।

यह बहुत ही ज्यादा गरम होती है जो गर्मी वाली जगह के लिए अच्छा नही है।

उपयोग के बाद Incandescent बल्ब को हिलाने से इसकी फिलामेंट आसानी से टूट जाती है।

Incandescent bulb ka application जो एग्जाम की नजरिए से अति महत्वपूर्ण है

Incandescent बल्ब का उपयोग घर, होटल, मॉल, इंडस्ट्री आदि में किया जाता है

Incandescent बल्ब का उपयोग outdoor लाईट के रूप में भी किया जाता है।

इसका उपयोग डेस्क लैंप, टेबल लैंप के रूप में भी किया जाता है।

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